नई दिल्ली. Former Tamil Nadu CM O Panneerselvam (OPS) ने गुरुवार को BJP-led NDA (National Democratic Alliance) से officially separation की घोषणा कर दी। ये फैसला उस समय आया जब OPS ने मौजूदा मुख्यमंत्री MK Stalin से morning walk के दौरान मुलाकात की जिसने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को और तेज़ कर दिया है। OPS की अगुवाई वाली AIADMK Workers’ Rights Retrieval Committee ने कहा कि फिलहाल किसी पार्टी से formal alliance नहीं है, लेकिन future political tie-ups का रास्ता खुला है।
MK Stalin से मुलाकात और राजनीतिक संकेत
OPS से जब Stalin meeting को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। हालांकि उन्होंने इतना कहा कि यह मुलाकात “सिर्फ संयोग” थी और इससे ज्यादा कुछ नहीं। लेकिन उनकी यह खामोशी राजनीतिक विश्लेषकों को और सोचने पर मजबूर कर रही है।
NDA से बाहर क्यों हुए OPS?
OPS गुट के वरिष्ठ नेता Panruti Ramachandran ने press conference में घोषणा की कि उनकी समिति अब NDA का हिस्सा नहीं रहेगी। यह कदम उस समय लिया गया जब कुछ दिन पहले OPS ने Modi government द्वारा तमिलनाडु को Samagra Shiksha Funds जारी न करने पर public criticism किया था।
OPS ने केंद्र की निंदा करते हुए कहा कि त्रिभाषा नीति न अपनाने के कारण ₹2,151 crore की राशि रोकना गरीब छात्रों और शिक्षकों के साथ अन्याय है। उन्होंने इसे anti-federalism और Right to Education Act के खिलाफ करार दिया।
क्या Vijay की TVK से जुड़ सकते हैं OPS?
हालांकि OPS ने स्पष्ट रूप से किसी पार्टी से गठबंधन की बात नहीं कही है, लेकिन अटकलें तेज़ हैं कि वह actor-turned-politician Vijay की पार्टी Tamizhaga Vetri Kazhagam (TVK) से जुड़ सकते हैं। यह संभावित गठबंधन Tamil Nadu Assembly Elections 2026 को लेकर महत्वपूर्ण हो सकता है।
OPS vs EPS की लड़ाई
OPS ने पहले ही AIADMK से अलग होकर अपनी राजनीतिक राह बनाई थी, जब उनके और Edappadi K Palaniswami (EPS) के बीच पार्टी नेतृत्व को लेकर खींचतान बढ़ गई थी। EPS अब AIADMK के General Secretary हैं, जबकि OPS अपना स्वतंत्र गुट चला रहे हैं। OPS के समर्थकों का कहना है कि वह जल्द ही statewide tour पर निकलेंगे और public mobilization campaign शुरू करेंगे।
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि OPS का NDA से बाहर निकलना BJP के लिए Southern Strategy को झटका दे सकता है, खासकर जब Tamil Nadu में anti-BJP sentiment पहले से ही मजबूत है।