नई दिल्ली. कर्नाटक की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। मुख्यमंत्री Siddaramaiah और उनके परिवार को MUDA site allotment case में क्लीन-चिट मिल गई है। कर्नाटक कैबिनेट ने जस्टिस पीएन देसाई आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है, जिसमें साफ कहा गया है कि मुख्यमंत्री और उनके परिवार पर लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
जस्टिस पीएन देसाई आयोग की रिपोर्ट
पूर्व कर्नाटक हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता वाले इस आयोग ने 31 जुलाई को अपनी दो खंडों वाली रिपोर्ट मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को सौंपी थी। कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने बताया कि आयोग ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री और उनके परिवार पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। रिपोर्ट में कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है और कैबिनेट ने इसे स्वीकार कर लिया है।
पत्नी पार्वती को लेकर उठे थे सवाल
रिपोर्ट के अनुसार, Siddaramaiah की पत्नी पार्वती बीएम को 3.16 एकड़ जमीन (केसारे गांव, मैसूर) के बदले 14 प्लॉट्स MUDA द्वारा दिए गए थे। ये प्लॉट्स Vijayanagar Layout 3rd और 4th stages में थे, जिनकी मार्केट वैल्यू ज्यादा बताई गई। आरोप था कि पार्वती के पास उस जमीन का वैध मालिकाना हक़ नहीं था, लेकिन आयोग ने जांच के बाद इसे अवैध नहीं माना।
क्या है 50:50 स्कीम?
MUDA की विवादित 50:50 ratio scheme के तहत जमीन अधिग्रहण होने पर किसानों और जमीन मालिकों को बदले में विकसित जमीन का 50% हिस्सा दिया जाता है। पार्वती को भी इसी स्कीम के तहत प्लॉट मिले थे।
पहले भी मिल चुकी थी क्लीन-चिट
लोकायुक्त पुलिस ने भी पहले Siddaramaiah, उनकी पत्नी पार्वती, जीजा बीएम मल्लिकार्जुन स्वामी और अन्य आरोपियों को क्लीन-चिट दे दी थी। एफआईआर में इनके नाम दर्ज थे, लेकिन सबूतों की कमी के चलते मामला टिक नहीं सका।