नई दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों का ऑन-ग्राउंड रिव्यू शुरू कर दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को पटना पहुंचा। यह दौरा राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न चर्चाओं और समीक्षा कार्यों की शुरुआत है।
पटना में सभी दलों की बैठक
टाज होटल, पटना में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता CEC ज्ञानेश कुमार ने की। बैठक में निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ-साथ बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी विनोद गुंज्याल और वरिष्ठ ECI अधिकारी उपस्थित थे। बिहार के 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए, जिसमें चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई।
ECI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बैठक की पुष्टि की:
“CEC ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू व डॉ. विवेक जोशी के नेतृत्व में ECI प्रतिनिधिमंडल आज पटना पहुंचा, ताकि आगामी बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की जा सके।”
JD(U) की एक चरण में चुनाव की मांग
जदयू ने चुनाव एक ही चरण में कराने का अनुरोध किया है। जदयू सांसद संजय झा ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था या नक्सल समस्या नहीं है। यदि महाराष्ट्र एक ही चरण में चुनाव कर सकता है, तो बिहार क्यों नहीं। छठ पर्व के दौरान कई लोग अपने घर लौटते हैं, इसलिए चुनाव इसी समय एक चरण में कराए जा सकते हैं।
सभी दलों की बैठक में मुख्य चर्चा
ECI ने सभी राजनीतिक दलों को लोकतंत्र की नींव बताया और कहा कि सभी दलों को पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
आयोग ने चुनाव को शांतिपूर्ण और सहयोगपूर्ण ढंग से आयोजित करने तथा मतदाताओं का सम्मान करने पर जोर दिया।
सभी पार्टियों ने मतदाता सूची की सफाई और पारदर्शी प्रक्रियाओं के लिए ECI के ऐतिहासिक कदमों की सराहना की।
प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1,200 मतदाताओं की संख्या तय करने के आयोग के फैसले को सभी दलों ने स्वीकार किया।
पार्टियों ने सुझाव दिया कि छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराए जाएँ ताकि मतदान में अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो और चुनावी चरणों की संख्या कम हो।
पोस्टल वोट की गिनती और फॉर्म 17C से जुड़े नए नियमों की सभी दलों ने सराहना की।
सभी दलों ने चुनाव आयोग में पूर्ण विश्वास जताया और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव कराने के लिए अपना समर्थन दोहराया।
चुनावी पर्यवेक्षकों की तैयारी
बिहार दौरे से पहले, आयोग ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों को राज्य और कुछ उपचुनावों के लिए ब्रीफिंग दी। नई दिल्ली में आयोजित बैठक में 425 अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें 287 IAS, 58 IPS और 80 अन्य केंद्रीय सेवा अधिकारी शामिल थे।
CEC कुमार ने पर्यवेक्षकों को “लोकतंत्र की दीपशिखा” बताया और उन्हें मतदान केंद्रों पर स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी याद दिलाई।
केंद्रीय पर्यवेक्षक संविधान के अनुच्छेद 324 और Representation of the People Act, 1951 की धारा 20B के तहत नियुक्त किए जाते हैं। इनकी भूमिका मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करना है।
बिहार चुनाव की संभावित तिथियां
हालांकि चुनाव की आधिकारिक तिथियाँ अभी घोषित नहीं हुई हैं, सूत्रों के अनुसार आयोग 6 या 7 अक्टूबर को चुनाव तिथियाँ घोषित करने की संभावना है। सभी दलों की बैठक और तैयारियों के बीच, बिहार की राजनीतिक पृष्ठभूमि इस महत्वपूर्ण चुनाव की ओर तेजी से अग्रसर है।
ECI की समीक्षा और निगरानी गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से संपन्न हों, ताकि मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकार का सही उपयोग कर सकें।