नई दिल्ली. बिहार में साल 2025 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) की तैयारी दोनों प्रमुख गठबंधनों — NDA (National Democratic Alliance) और Mahagathbandhan (INDIA Alliance) में जोरों पर है। लेकिन जहां NDA स्पष्ट रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है, वहीं महागठबंधन की राजनीति उलझनों से घिरी दिखाई दे रही है।
तेजस्वी यादव के आवास पर आज एक बड़ी रणनीतिक बैठक होने जा रही है, जिसमें RJD, Congress, Left Parties और VIP नेता मुकेश सहनी जैसे प्रमुख चेहरों की मौजूदगी तय है।
तेजप्रताप यादव का विवाद Mahagathbandhan की unity पर भारी
तेजप्रताप यादव विवाद (Tej Pratap Yadav controversy) महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रहा है। हाल ही में उनके कुछ बयानों ने RJD की नेतृत्व क्षमताओं पर चर्चा को हवा दे दी है।
साथ ही, RJD में organizational restructuring चल रहा है — जो आम तौर पर किसी भी पार्टी में चुनावी साल में नहीं किया जाता। इससे पार्टी वर्कर्स और सहयोगी दलों में भ्रम की स्थिति बन गई है।
सीट बंटवारे पर सियासी घमासान
महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर गंभीर मतभेद उभरकर सामने आए हैं: Congress ने पहले ही RJD से अधिक सीटों की मांग कर दी है और इसके लिए आक्रामक रुख भी अपनाया है। अब Left Parties, खासतौर पर CPIML (भाकपा माले) ने भी 40-50 सीटों की मांग कर दी है। CPI और CPM इस मांग से असहमत हैं और अंदर ही अंदर विरोध भी कर रहे हैं। इस टकराव ने Mahagathbandhan Coordination Strategy को कमजोर बना दिया है।
मुकेश सहनी की Deputy CM की डिमांड
VIP नेता Mukesh Sahni ने तेजस्वी यादव के सामने Deputy Chief Minister की मांग रख दी है। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे pressure politics बता रहे हैं। इस बीच BJP भी सहनी से संपर्क बनाए हुए है, जिससे उनकी राजनीतिक दिशा को लेकर अनिश्चितता और बढ़ गई है।आखिरी seat-sharing negotiation से पहले सहनी का रुख तय करेगा कि वह गठबंधन के साथ रहेंगे या नहीं।
गठबंधन में स्पष्टता की कमी
वर्तमान परिदृश्य में INDIA Alliance किसी भी निर्णायक रणनीति पर नहीं पहुंच पाया है। NDA ने अपने candidates और booth-level campaign पर काम शुरू कर दिया है, जबकि महागठबंधन में अभी भी “कौन कहां से लड़ेगा” जैसी बुनियादी बातों पर सहमति नहीं बन पाई है। तेजस्वी यादव के घर हो रही यह बैठक इसलिए बेहद अहम मानी जा रही है। अगर इस बैठक से कोई ठोस outcome नहीं निकलता, तो Mahagathbandhan 2025 में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने में कमजोर साबित हो सकता है।