नई दिल्ली. Bihar Assembly Election 2025 को देखते हुए Election Commission of India (ECI) ने एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। मतदाता सूची (Voter List) में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए आयोग अब घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन (Door-to-Door Voter Verification) का अभियान शुरू करने जा रहा है। यह पहल उन चिंताओं के बाद उठाई जा रही है, जो विभिन्न राजनीतिक दलों, सिविल सोसाइटी संगठनों और एजेंसियों द्वारा लगातार व्यक्त की जा रही थीं खासतौर पर नाम जोड़ने या हटाने को लेकर।
Ground-Level Verification: क्यों जरूरी है घर-घर जाकर पुष्टि?
भारत निर्वाचन आयोग की प्राथमिकता है कि मतदाता सूची में केवल योग्य नागरिकों (eligible voters) के ही नाम हों। हर चुनाव से पहले ECI मतदाता सूची को रिवाइज़ और अपडेट (Electoral Roll Revision) करता है, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया और भी सख्त और व्यापक होगी।
वोटर बनने के लिए क्या कहता है कानून?
Indian Constitution का Article 326 और Representation of the People Act, 1950 की Section 16 में यह साफ लिखा है कि मतदाता कौन हो सकता है और कौन नहीं। आयोग का प्रयास है कि हर पात्र व्यक्ति को वोट देने का अधिकार मिले, और कोई भी unqualified voter सूची में शामिल न रहे।
Voter List Revision की ये 6 बड़ी वजहें
पता परिवर्तन अनुरोध
लोग शादी, नौकरी या पढ़ाई के कारण जगह बदलते हैं। 2024 में ही 46.26 लाख लोगों ने address change के लिए आवेदन किया।
विस्तृत सुधार
करीब 2.32 करोड़ लोगों ने अपने voter details (नाम, फोटो, पता) में correction करवाने के लिए फॉर्म भरे।
Deletion of Deceased Voters:
मृत लोगों के नाम सूची से हटाने में परिवारजन अक्सर सहयोग नहीं करते, जिससे अनधिकृत नाम बने रहते हैं।
युवा नामांकन (18+):
हर साल लाखों युवा 18 साल के होते हैं और उन्हें वोटर लिस्ट में जोड़ना जरूरी होता है।
Polling Booth Restructuring:
अब एक बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे (पहले यह सीमा 1500 थी), जिससे नए polling stations बनाए जा रहे हैं।
अवैध विदेशियों का पता लगाना:
यदि कोई illegal foreign national वोटर सूची में मिलता है, तो उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत हटाया जाता है।
चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक पार्टियों की Active Monitoring
ECI की वोटर सूची सुधार प्रक्रिया fully transparent और law-guided है। सभी राजनीतिक दलों को आपत्तियाँ उठाने, क्लेम-ऑब्जेक्शन फाइल करने और appeal का पूरा मौका मिलता है। बावजूद इसके, आयोग पर अक्सर manipulation के आरोप लगाए जाते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि यह प्रक्रिया multi-layered political oversight में होती है।