नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव के बीच समस्तीपुर में VVPAT स्लिप्स (वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल) सड़क पर फेंकी मिलीं, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया। यह घटना पहले चरण के मतदान (6 नवंबर) के कुछ दिन बाद सामने आई। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और दो चुनाव आयोग अधिकारियों को लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया।
इस मामले पर बयान जारी करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने शनिवार को स्पष्ट किया कि सड़क पर मिलीं VVPAT स्लिप्स मॉक पोल (Mock Poll) की हैं, जो वास्तविक मतदान से पहले मशीन की जांच के दौरान उपयोग की जाती हैं। उन्होंने कहा कि इन स्लिप्स का असली चुनावी प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए मतदान की निष्पक्षता पूरी तरह सुरक्षित है।
कैसे सामने आया मामला
समस्तीपुर जिले के केएसआर कॉलेज के पास सड़क पर बड़ी संख्या में VVPAT स्लिप्स बिखरी हुई मिलीं, जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए।
जैसे ही मामला सामने आया, समस्तीपुर डीएम रोशन कुशवाहा खुद मौके पर पहुंचे। जांच में पाया गया कि ये स्लिप्स सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के डिस्पैच सेंटर के पास मिलीं। डीएम ने कहा कि मौके पर उम्मीदवारों की मौजूदगी में सभी स्लिप्स को जब्त कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के डिस्पैच सेंटर के पास कुछ पर्चियां मिली थीं। मैंने और अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर उन्हें कब्जे में लिया। इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही है और दो अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच और निलंबन की सिफारिश की गई है।
CEC का जवाब: “मतदान प्रक्रिया की साख पर असर नहीं
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि उन्होंने डीएम समस्तीपुर को मौके पर जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि मिली हुई स्लिप्स मॉक पोल की हैं, न कि असली वोटिंग की।
“ये VVPAT स्लिप्स मॉक पोल की हैं, इसलिए असली मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता पर कोई असर नहीं पड़ा है। फिर भी संबंधित ARO को निलंबित किया गया है और एफआईआर दर्ज हो रही है,” — CEC ज्ञानेश कुमार।
विपक्ष का सवाल: चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
घटना पर राजद (RJD) और कांग्रेस ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
राजद ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के केएसआर कॉलेज के पास EVM से निकली बड़ी संख्या में VVPAT स्लिप्स सड़क पर बिखरी मिलीं। ये कब, कैसे, क्यों और किसके आदेश पर फेंकी गईं? क्या ‘चोरों का आयोग’ जवाब देगा? क्या यह सब बिहार में डेरा जमाए लोकतंत्र के डकैतों के इशारे पर हो रहा है?
बिहार चुनाव कार्यक्रम
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जा रहे हैं —
पहला चरण: 6 नवंबर
दूसरा चरण: 11 नवंबर
मतगणना: 14 नवंबर
सरायरंजन सीट पर मतदान 6 नवंबर को हुआ था।
क्या है VVPAT?
VVPAT (Voter Verifiable Paper Audit Trail) इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से जुड़ी एक व्यवस्था है, जो मतदाता को यह पुष्टि करने की सुविधा देती है कि उसका वोट सही उम्मीदवार को गया है या नहीं।
