नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रविवार शाम चुनाव प्रचार थमते ही पूरा राज्य सुरक्षा के सख्त घेरे में आ गया। 11 नवंबर (मंगलवार) को 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में केंद्रीय बलों और पुलिस की तैनाती को और मजबूत किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट
डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि पहले चरण की तुलना में इस बार सुरक्षा व्यवस्था और मॉनिटरिंग को कई स्तरों पर अपग्रेड किया गया है। सभी जिलों में राज्य पुलिस के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की 1,650 कंपनियां तैनात की गई हैं। हर जिले में अतिरिक्त पुलिस बटालियन बूथ स्तर तक सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी।
नेपाल बॉर्डर समेत सात जिलों में खास चौकसी
दूसरे चरण में जिन 20 जिलों में मतदान होना है, उनमें कई जिले भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे हैं। ऐसे में सात सीमावर्ती जिलों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। साथ ही झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सीमाओं पर भी अतिरिक्त निगरानी टीमों को तैनात किया गया है।
इंटरनेशनल और इंटर-स्टेट बॉर्डर सील
चुनाव आयोग के निर्देश पर अंतरराष्ट्रीय सीमाएं शनिवार से पूरी तरह सील कर दी गई हैं, जबकि अंतरराज्यीय बॉर्डर पॉइंट्स को भी रविवार शाम तक बंद रखा गया। सीमाई इलाकों में सघन चेकिंग और पेट्रोलिंग जारी है ताकि किसी भी तरह की अवैध गतिविधि या बाहरी हस्तक्षेप को रोका जा सके।
राजनीतिक समीकरण और मुकाबला
दूसरे चरण का मतदान बिहार की सियासत के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। 11 नवंबर को होने वाले मतदान के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। यह चरण तय करेगा कि बिहार में NDA की “डबल इंजन सरकार” बनी रहती है या तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन वापसी करता है। वहीं, जन सुराज पार्टी ने भी इस बार मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है और कई सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल सकता है।
