बिलासपुर. सदर विधानसभा क्षेत्र की सीमाओं से सटे ग्राम पंचायत भपराल व ग्राम पंचायत पटेर में आज भी लोग जान हथेली पर रखकर नदी पार करके अपने घरों को पहुंचते हैं.
हैरानी की बात यह है कि इस पुल के निर्माण का ऐलान 20 साल पहले ही किया जा चुका था. सरकारें बदली लेकिन इस पुल का निर्माण आज तक नहीं हो सका है. यहां के लोगों को केवल आश्वासन पर ही संतोष करना पड़ा है तथा करीब 20 साल गुजर जाने के बाद भी पुल अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाया. जिसके चलते यहां करीब दो दर्जन गांवों के हजारों लोगों को पैदल ही अपना जीवन गुजर बसर करना पड़ता है.
स्कूल जाने में होती है परेशानी
पुल न होने की वजह से बच्चों को स्कूल जाने में भी परेशानी होती है. लजंता निवासी बलवंत सिंह ने बताया कि वह भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं तथा जब वह बचपन में स्कूल जाते थे उस टाइम भी नदी पार करके स्कूल जाना होता था. अब 60 साल की उम्र होने के बाद भी समस्या वैसी ही बनी हुई है. बछड़ी मतदान निवासी सुंदर राम ने बताया कि पुल न होने की वजह से लोगों काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
इस गांव में शादी नहीं करते
पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त मटियाल निवासी रमेश कुमार ने बताया कि विकास की नजर से यह क्षेत्र पिछड़े हुए हैं. यहां तक कि लोग यहां इन गांव में लड़कियों की शादी करना भी अच्छा नहीं समझते.
अपनी बेटी से मिलकर आ रहे देवराज ने बताया कि उसने हाल ही में मटियाला गांव में अपनी बेटी की शादी की हुई है. पानी होने की वजह से वह अपनी पत्नी के साथ बेटी से मिलने नहीं जा सका.