ऊना. प्रदेश भाजपा के सदस्य हरिओम भनोट ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के उस बयान की कड़ी निंदा की है. जिसमें उन्होंने सरकार पर टोपियों का रंग देखकर तबादले करने का आरोप लगाया है. भनोट ने कहा कि भाजपा ने कभी भी टोपियों की राजनीति नहीं की बल्कि बीजेपी के लिए पूरा हिमाचल एक है और भाजपा पूरे हिमाचल का समग्र विकास करने के लक्ष्य से ही काम करती रही हैं.
‘टोपी पहनने से मना वीरभद्र ने किया था और लाल टोपी को फेंक दिया था’
उन्होंने कहा कि टोपी की राजनीति करने की आदत वीरभद्र को ही रही है और इसका अंदाजा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के कार्यक्रम में उस समय देखने को भी मिला था. जब अपने ही स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह के हाथों लाल टोपी पहनने से मना वीरभद्र ने किया था और लाल टोपी को फेंक दिया था. प्रदेश में विकास की राजनीति के युग की शुरुआत हुई है और हिमाचल में एक समान रोशनी विकास की हर क्षेत्र पर पड़ेगी.
सरकार ने बिना किसी भेदभाव विकास के लक्ष्य को आगे रखा है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह यह बौखलाहट समझ से परे है. शायद सत्ता से बाहर होने का दर्द अभी तक वीरभद्र सिंह भूल नहीं पा रहे. प्रदेश में सरकारी स्तर पर आवश्यक तबादले किए जा रहे हैं और यह तबादले कांग्रेस सरकार की तुलना में बहुत कम है. यदि कांग्रेस अपने इतिहास पर नजर डालें तो पता चल जाएगा कि किस प्रकार से राजनीतिक आधार पर तबादले किए जाते थे.