शिमला. कई दिनों से प्रत्याशियों के नामों पर माथापच्ची कर रही भाजपा ने आखिर सूची जारी कर दी है. भाजपा कार्यालय से 68 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी के नामों की सूची आधिकारिक तौर पर बुधवार शाम जारी की गई है.
दीवाली की पूर्व संध्या पर कइयों की बांछे खिली तो कई की उम्मीदों पर पानी फिरा. जिन्हें टिकट मिला उनकी दीवाली यादगार रहेगी. जिन्हें कई महीने से टिकट के लिए कड़ी मशक्कत के बाद भी कुछ नहीं मिला उनके हाथ मायूसी ही लगी.
5 महिलाओं को मिला टिकट
भाजपा की सूची में पांच प्रत्याशियों को स्थान मिला है. पालमपुर में विरोध के बावजूद आलाकमान ने इंदु पर भरोसा जताया है. बल्कि इंदु को टिकट मिलने की भनक लगते ही पालमपुर शांता के घर इंदु गो बैक के नारे भी लगे. शान्ता ने भी महिला प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगने से नाराजगी जताई थी. हालांकि बुधवार दोपहर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री यही नाराजगी दूर करने शान्ता के घर पहुंचे थे. पालमपुर पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार का गृह क्षेत्र है और वह यहां से प्रवीण शर्मा की पैरवी कर रहे थे.
दूसरी महिला प्रत्याशी शाहपुर से सीटिंग विधायक है और पूर्व में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रही है. तीसरी प्रत्याशी कसुम्पटी से ज्योति सेन है, जो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी की भाभी है. चंद रोज पहले जिन्होंने भाजपा का दामन थामा. अब इस विधानसभा में राजपरिवारों के बीच टक्कर होगी. एक ओर ज्योतिसेन क्योंथल रियासत के राजबहु तो दूसरी तरफ कोटि रियासत के राजवंशज निवर्तमान वंशज अनिरुद्ध सिंह टक्कर देंगे.
तीसरी महिला मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पूर्व विधानसभा क्षेत्र रोहड़ू से शशि बाला है. जो निवर्तमान कांग्रेस विधायक मोहन लाल ब्राक्टा को टक्कर देंगी. चौथी महिला प्रत्याशी इंदौरा से रीटा धीमान चुनावी मैदान में होगी. इंदौरा से निवर्तमान विधायक मनोहर धीमान निर्दलीय जीते थे.
पांचवी महिला प्रत्याशी कमलेश कुमारी भोरंज से चुनाव लड़ेगी. पूर्व मंत्री धीमान के निधन के बाद उपचुनाव में उनके बेटे अनिल धीमान यहां से जीते थे.
सीटिंग विधायकों पर जताया भरोसा, दामाद ससुर में होगी टक्कर
भाजपा ने सीटिंग विधायकों पर अधिक भरोसा दिखाया है. हालांकि मोदी ने सूची में कम से कम 10 महिलाओं और इतने ही अधिकारियों का नाम मांगा था. मगर भाजपा इस बार भी अपना वायदा पूरा न कर पाई और मात्र 6 महिलाएं ही मैदान में उतारी.
वहीं अधिकारियों में भी केवल झंडूता से जे आर कटवाल, शिमला ग्रामीण से प्रमोद शर्मा और सोलन से डॉक्टर राजेश कश्यप का ही नाम है. राजेश कश्यप वीरभद्र कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल के दामाद है.
विरोध के स्वर मुखर
प्रदेश के कई हिस्सों में टिकट आंबटन के बाद बगावत और विरोध के स्वर मुखर ही चुके है. कसुम्पटी, डल्हौजी, पालमपुर और बैजनाथ सहित कई क्षेत्रों में कार्यकर्ता विरोध पर उतर आए है.