नई दिल्ली. राजनैतिक दलों और राजनेताओं पर नज़र रखने वाली संस्था ऐडीआर (असोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, ADR) ने अपनी हालिया रपट में खुलासा किया है कि चुनावी ट्रस्टों से मिलने वाले चंदे के मामले में भाजपा वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान पहले नंबर पर रही.
इस दौरान चुनावी ट्रस्टों की और से कुल 325.27 करोड़ रुपये का चंदा राजनैतिक दलों को दिया गया जिसमें से भाजपा की झोली में 290.22 रुपये गए, जबकि कांग्रेस सहित अन्य 9 पार्टियों को 35.05 करोड़ रुपयों से संतोष करना पड़ा.
बताते चलें कि केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार, किसी भी चुनावी ट्रस्ट को अपनी आय का 95 प्रतिशत किसी रजिस्टर्ड राजनैतिक दल को देना होता है. ऐसे ट्रस्टों की आय का स्रोत मुख्य रूप से कॉर्पोरेट कम्पनियों से आने वाला चंदा होता है. वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान रियल एस्टेट कंपनी DLF समूह ने चुनावी ट्रस्टों को सबसे ज्यादा- 28 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि जिंदल समूह की कंपनी JSW ने 25 करोड़ रुपये का चंदा दिया.
ADR के निदेशक अनिल वर्मा के अनुसार- ‘सत्ता में मौजूद पार्टी को ज्यादा चंदा देने का ट्रेंड पहले से रहा है, और UPA सरकार के दौरान कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा मिला करता था.’