नई दिल्ली. Delhi MCD Standing Committee Election 2025 में बड़ा बदलाव देखने को मिला जब भाजपा (BJP) की सत्या शर्मा को समिति की चेयरपर्सन और सुंदर सिंह को उपाध्यक्ष चुना गया। इस चुनाव में भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) को पीछे छोड़ते हुए दोनों पदों पर जीत दर्ज की।
कौन हैं सत्या शर्मा?
सत्या शर्मा, जो वर्तमान में गौतमपुरी वार्ड, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से पार्षद हैं, तीन बार नगरसेवक रह चुकी हैं और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) में मेयर भी रह चुकी हैं। उनका अनुभव और नेतृत्व क्षमता ही उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
वोटिंग का गणित: किसे कितने वोट?
18 सदस्यीय स्थायी समिति (Standing Committee) के चुनाव में सभी सदस्यों ने वोट डाला: सत्या शर्मा को मिले 11 वोट, AAP के प्रत्याशी प्रवीण कुमार को मिले 7 वोट ,उपाध्यक्ष पद के लिए सुंदर सिंह (BJP) को 11 वोट AAP की मोहिनी जीनवाल को 7 वोट और इस तरह, भाजपा ने दोनों पदों पर majority से जीत दर्ज की।
Standing Committee क्यों है इतनी अहम?
Standing Committee MCD की सबसे पावरफुल समिति मानी जाती है, जो निगम के वित्त और नीतिगत निर्णयों की देखरेख करती है। कोई भी ₹5 करोड़ से ऊपर की परियोजना इस समिति की मंजूरी के बिना पास नहीं हो सकती। वर्ष 2022 से अब तक इस समिति के बिना कई विकास कार्य और स्वच्छता प्रोजेक्ट रुके पड़े थे।
अब समिति के गठन से development projects, sanitation work, और infrastructure approval जैसी गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने परिणाम की घोषणा करते हुए कहा किअब स्थायी समिति के गठन के साथ हम मिलकर दिल्ली के विकास को नई ऊंचाई देंगे।
सत्या शर्मा ने भी अपने विजन को स्पष्ट करते हुए कहा कि पिछले ढाई साल में कोई ठोस विकास नहीं हुआ, लेकिन अब हम mission mode में काम करेंगे। सभी दलों से सहयोग की अपेक्षा रहेगी। दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर बनाना हमारा लक्ष्य है।”
राजनीतिक पृष्ठभूमि और MCD की सत्ता की तस्वीर
वर्ष 2022 में AAP ने MCD चुनाव जीता, और भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म किया। शेली ओबेरॉय दो बार मेयर बनीं, फिर महेश खिंची ने कार्यभार संभाला। मई 2025 में चौथे मेयर चुनाव में भाजपा के राजा इकबाल सिंह ने वापसी की। इस जीत के बाद BJP ने MCD में स्थायी समिति गठन का वादा किया था, जो अब पूरा हुआ है।
भाजपा की सत्या शर्मा का MCD Standing Committee की चेयरपर्सन बनना न केवल पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि इससे दिल्ली में रुके हुए development initiatives को भी नई रफ्तार मिलने की संभावना है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अब निगम के financial decisions, policy approvals, और sanitation drives अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ सकेंगे।