नई दिल्ली. आरएसएस से जुड़े मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ ने भी मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करनी शुरू कर दी है. संघ के अध्यक्ष साजी नारायण ने केन्द्र सरकार से ‘अर्थव्यवस्था की गिरावट रोकने’ के लिए ‘प्रोत्साहन पैकेज’ की मांग की है. अपने बयान में उन्होंने केन्द्र सरकार से ‘मौजूदा सुधार प्रक्रिया’ वापस लेने और नौकरी देने की बात कही है.
साजी नारायण ने सरकार की आलोचना करते हुये कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के अच्छे इरादों व प्रयासों को सही विशेषज्ञों की कमी, संचार की कमी, सामाजिक क्षेत्रों से फीडबैक की कमी, गलत सलाहकारों पर निर्भरता और दिशाहीन सुधारों ने विफल कर दिया है.”
रोजगार संकट पर बोलते हुये उन्होंने कहा कि मौजूदा बदलाव के बाद रोजगार बढ़ने के बजाय उसमें कमी आई है. उन्होंने कहा कि बैंकिग व्यवस्था सुस्त हुई है और एफडीआई के आने से छोटे उद्योग तबाह हो गये हैं जिससे रोजगार में कमी आई है.
उन्होंने भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करने की मांग करते हुये कहा कि नौकरी देना और लोगों की आय बढ़ाना सरकार का मुख्य ध्येय होना चाहिए.
हालांकि उन्होंने जोर देते हुये कहा कि प्रोत्साहन राशि बड़े कारपोरेट को देने के बजाय कृषि और छोटे उद्योगों को दिया जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि मनरेगा की मजदूरी कई राज्योंं में 6 महीनों से बकाया है जबकि इसके अंतर्गत काम मिलने के दिवस को 100 के बजाय 200 दिन करने की जरूरत है.