नई दिल्ली. Bihar Voter List Controversy में इन दिनों एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है Minta Devi, जिनकी उम्र मतदाता सूची में 124 साल दर्ज है। यह मामला न केवल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, बल्कि Opposition MPs Protest का चेहरा भी बन गया। विपक्षी दलों ने इसे विधानसभा चुनाव से पहले Voter List Manipulation का सबूत बताया है।
मिंता देवी कौन हैं?
कांग्रेस नेता Rahul Gandhi द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, मिंता देवी बिहार के सीवान लोकसभा क्षेत्र के Daraunda Assembly Constituency में पहली बार मतदाता बनी हैं। उनका नाम Arjanipur Kanya Utkramit Madhya Vidyalaya के मतदान केंद्र की सूची में है। चौंकाने वाली बात यह है कि उनके EPIC (Electors Photo Identity Card) में जन्म वर्ष 1900 दर्ज है, यानी उनकी उम्र 124 साल बताई गई है। हालांकि, Election Commission Official का कहना है कि यह महज एक टाइपिंग गलती है, असल में “1990” लिखे जाने की जगह “1900” दर्ज हो गया।
विपक्ष का आरोप: “Vote Chori की साजिश”
इस गलती ने संसद में बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया। Priyanka Gandhi, Mallikarjun Kharge और राहुल गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों ने मिंता देवी की तस्वीर और “124 Not Out” लिखी टी-शर्ट पहनकर प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप है कि Bihar Special Intensive Revision (SIR) के नाम पर BJP और Election Commission मिलकर मतदाता सूची में हेरफेर कर रहे हैं, ताकि चुनाव में Vote Rigging की जा सके। राहुल गांधी ने दावा किया कि ऐसे “अनगिनत” मामले सामने आएंगे।
Election Commission की सफाई
चुनाव आयोग ने कहा कि SIR Process ज़रूरी था क्योंकि 2004 के बाद बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण नहीं हुआ था।
आयोग के मुताबिक, कई अयोग्य वोटर्स सूची में बने हुए थे और कुछ लोगों के नाम एक से अधिक बार दर्ज थे। यही वजह है कि 1 सितंबर तक Claims & Objections के लिए समय दिया गया है।
अब तक 10,500 से अधिक फॉर्म संशोधन के लिए जमा हुए हैं, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल ने मिंता देवी के मामले पर औपचारिक शिकायत नहीं की है।
क्या यह सिस्टमेटिक मैनिपुलेशन है या सिर्फ गलती?
चुनाव आयोग का दावा है कि यह “clerical error” है, कोई संगठित साजिश नहीं। लेकिन विपक्ष इस पर सहमत नहीं और इसे Bihar Elections 2025 से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शुरुआत मान रहा है।
