मंडी. पर्यावरण को सुरक्षित रखने और वृक्षों का बड़े पैमाने पर हो रहे कटान को बचाने के लिए मंडी के हनुमान घाट स्थित शमशानघाट में शव दाह संस्कार की दो यूनिटें स्थापित होंगी. इन दो यूनिटों पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च होंगे. दाह संस्कार यूनिट 12-12 फुट के दायरे में बनेंगी तथा इसकी 30 फुट ऊंची चिमनी होगी. विशेष मैटल से बनने वाली इस यूनिट में केवल 80 से 120 किलोग्राम लकड़ी एक शव को जलाने में प्रयोग होगी, जिससे बड़े पैमाने पर वृक्षों का कटान रुक सकेगा.
जल्दी से जल्दी इसका लाभ लोगों को कैसे मिले इसके बारे में…
शव दाह संस्कार यूनिट का निर्माण मोक्षदा पर्यावरण एवं वन सुरक्षा समिति (संचालित राष्ट्रीय सेवा भारती), गाजियाबाद करेगी. यूनिट को स्थापित करने के लिए समिति के एक दल ने मंडी स्थित हनुमान घाट का दौरा किया तथा किस प्रकार यूनिट स्थापित हो और जल्दी से जल्दी इसका लाभ लोगों को कैसे मिले इसके बारे में पूरा विचार-विमर्श किया गया. इस विशेष दल में समिति के संस्थापक एवं प्रधान विनोद अग्रवाल, मुख्य सलाहकार कृष्णा टंडन और सलाहकार आरती शर्मा शामिल थे.
संकल्प 1992 में लिया था जो 25 वर्षों से निरंतर चल रहा है
समिति वृक्षों को बचाने के लिए दाह संस्कार के लिए विकसित वैज्ञानिक, पारंपरिक एवं प्रदूषण रहित यूनिटों का निर्माण पूरे देश में कर रही है. अभी तक संस्था 42 यूनिटें स्थापित कर चुकी है. अब हिमाचल के मंडी में भी यह यूनिट स्थापित होगी. मानव राष्ट्र एवं विश्व हित में मोक्षदा संस्था ने वर्तमान दाह संस्कार प्रणाली में सुधार लाने का संकल्प 1992 में लिया था जो 25 वर्षों से निरंतर चल रहा है.
5.30 लाख टन राख का गंगा व अन्य नदियों में विसर्जन नहीं होगा
वर्तमान में दाह संस्कार के लिए प्रति वर्ष भारत में लगभग 500 से 600 लाख वृक्षों का कटान होता है तथा लगभग 80 लाख टन कार्बन डाईऑक्साईड(ग्रीन हाऊस) गैस का उत्सर्जन होता है. लगभग 8 लाख टन राख का विसर्जन गंगा व अन्य नदियों में किया जाता है. यूनिट के स्थापित होने से करीब 60 से 75 फीसदी लकड़ी की बचत होगी जो गरीबों के लिए एक वरदान साबित होगी. लगभग 5.30 लाख टन राख का गंगा व अन्य नदियों में विसर्जन नहीं होगा. इसके साथ ही 50 से 60 लाख टन कार्बन डाईऑक्साईड गैस के उत्सर्जन में कमी होगी.
पर्यावरण संरक्षण केलिए हरित शवदाह प्रणाली
मोक्षदा पर्यावरण एवं वन सुरक्षा समिति के संस्थापक विनोद अग्रवाल ने कहा कि पूरे देश में पर्यावरण को बचाने के लिए मोक्षदा हरित शव दाह प्रणाली के तहत यूनिटें स्थापित कर रही है. इसी कड़ी में मंडी के हनुमान घाट में दो मोक्षदा हरित शव दाह यूनिट स्थापित होगी जिस पर करीब 1 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
विशेष दल ने जायजा ले लिया है तथा जल्दी ही यूनिट का कार्य शुरु हो जाएगा
नागरिक अधिकार मंच के मंडी संयोजक हरमीत सिंह बिट्टू का कहना है कि मंडी के हनुमानघाट में मोक्षदा हरित शव दाह यूनिट स्थापित करने के लिए मोक्षदा पर्यावरण एवं वन सुरक्षा समिति ने मोक्षदा हरित शवदाह यूनिट स्थापित करने की हामी भरी है. तथा समिति के विशेष दल ने जायजा ले लिया है तथा जल्दी ही यूनिट का कार्य शुरु हो जाएगा. शमशान घाट में दो यूनिटें स्थापित होंगी.