चंबा. मौसम की बेरुखी ने जहां आज किसानों और बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरे ला दी हैं वहीं बारिश न होने के कारण सूखी ठंड ने लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डाला है. चंबा में नवंबर के महीने में बारिश से किसानों की फसलें खेतों में लहलहा उठती थी. वहीं पहाड़ों पर भी बर्फ की चादर बिछ जाती थी. इस बार नवंबर का महीना खत्म होने को आया लेकिन बारिश का कोई अता-पता नहीं है.
प्रदूषण ने किया दुखी
धूप भी नहीं खिल रही है. चारों तरफ वातावरण में प्रदूषण और धुंध ने लोगों का जीना हराम किया हुआ है. समय रहते बारिश नहीं हुई तो इस साल किसानों को फसल में काफी नुकसान हो सकता है.
किसानों का दर्द
किसानों ने बताया की इस वक्त उनकी गेहूं की फसल लहरा रही होती लेकिन बारिश न होने की वजह से अभी तक गेहूं की बुआई भी नही हो पाई है. किसानों ने बताया की अब वह भगवान से यही प्रार्थना कर रहे हैं की बारिश हो जाये और वह अपनी फसल की बुआई शुरू कर सकें.