नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों के द्वारा मुख्य न्यायाधीश पर लगाये गये आरोप के बाद केन्द्र सरकार दबे पांव मामला सुलझाने का प्रयास कर रही है. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मुलाकात के लिये उनके आवास पर पहुंचे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंतजार करने के बावजूद मुख्य न्यायाधीश के साथ उनकी बैठक नहीं हो पाई. सूत्रों के हवाले से यह भी खबर आ रही है कि सरकार ने जजों के मामले में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला लिया है.
वहीं, अटर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा कि उम्मीद है कि पूरा मामला सही ढंग से निपट जाएगा.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा है कि रोस्टर के एक मामूली मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करना दुखद है. उन्होंने कहा कि वे वरिष्ठ न्यायाधीशों, सीजेआई और अन्य न्यायाधीशों से मिलेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि ऐसे मुद्दों को जनता में ले के न जाएं. शनिवार और रविवार को इस मुद्दे पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया की बैठक होने वाली है.
#SupremeCourt as an institution is much bigger and critical for the democratic framework of India. Yes SC now has the problem which is internal and institutional. In the interest of country congress should not get into #tricks business.
— P Muralidhar Rao (@PMuralidharRao) January 13, 2018
वहीं, भाजपा प्रवक्ता पी मुरलीधर राव ने कहा है कि जजों के मामलों में कांग्रेस को नहीं पड़ना चाहिये. मालूम हो कि जजों के द्वारा प्रेस कांफ्रेस करने के बाद कांग्रेस ने भी प्रेस को संबोधित किया था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि जजों का आरोप बेहद अहम है. जजों ने जो सवाल उठाएं हैं उसका निपटारा होना चाहिये.