शिमला. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बीते मंगलवार को जनजातीय सलाहकार परिषद की 46वीं बैठक की. सीएम ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ‘नौतोड़’ भूमि के मामले को बिना किसी विलंब के निपटाने के सख्त निर्देश दिए. समय की कमी के कारण अधिकारियों को मौके पर जाकर दी गई समय सीमा के भीतर ‘नौतोड़’ भूमि की स्वीकृतियां निपटानी चाहिए. इस सम्बंध में किसी भी तरह की कोताही बर्दाशत नहीं की जाएगी.
आगे उन्होंने कहा कि नौतोड़ ज़मीने रियायत वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत एक सीमित अवधि के लिए प्रदान की गई थी. सभी उपायुक्तों को बिना किसी विलंब के नौतोड़ भूमि प्रदान करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करना चाहिये.
प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को उपदान पर ईमारती लकड़ी उपलब्ध करवा रही है, जिसमें ईमारती लकड़ी की वास्तविक मूल्य पर 76.26 प्रतिशत के अनुदान के अतिरिक्त 80 प्रतिशत परिवहन उपदान भी शामिल है. बैठक में लंगछा पंचायत के कॉमिक गौम्पा में ईमारती लकड़ी का डिपो खोलने का निर्णय भी लिया गया.
मुख्यमंत्री ने रूकटी पॉवर हाउस की अकर्मण्यता का संज्ञान लेते हुए कहा कि इस परियोजना के जीर्णोद्वार तथा मशीनरी व उपकरणों पर काफी धनराशि खर्च की जा चुकी है. उन्होंने निर्देश दिए कि इसे बिना किसी देरी से के बनाया जाए. बैठक में किन्नौर के लोगों को द्वि-मासिक विद्युत बिल प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया है. जिला किन्नौर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले मुख्य मार्गों को पक्का करने के कार्य में तेज़ी लाने के भी निर्देश दिए.
बैठक में जिला लाहुल स्पीति के उदयपुर मंडल के अंतर्गत चनाब घाटी में लोक निर्माण विभाग को अतिरिक्त मशीनरी उपलब्ध करवाने का भी आश्वासन दिया गया. बैठक में सदस्यों द्वारा काजा के लोगों की मांग रखने पर निर्णय लिया गया कि काजा के अतिरिक्त उपायुक्त को आपदा प्रबन्धन के लिए सीधे तौर पर बजट उपलब्ध करवाया जाए. अभी यह बजट लाहुल स्पीति के उपायुक्त के माध्यम से उन तक पहुंचता है.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आईटीआई उदयपुर के प्रधानाचार्य का कार्यभार उपमण्डलाधिकारी उदयपुर को सौंपा जाए, क्योंकि वर्तमान में यह कार्यभार जिला कुल्लू के आईटीआई शमशी के प्रधानाचार्य के पास है.
बैठक में लिये गये अन्य निर्णय
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काजा को रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध करवाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में विकास के अनेक कार्य को अमलीजामा पहनाया गया है. प्लान हैड के अंतर्गत 1770 करोड़ रू तथा गैर योजना घटक के अंतर्गत 2048 करोड़ रू. खर्च किए गए है. इसके अतिरिक्त वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान सड़कों व पुलों की मरम्मत के लिए 658 लाख रू. की राशि जारी की गई है.
भरमौर विधानसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व कर रहे वन मंत्री की मांग पर निर्णय लिया गया कि पांगी तथा भरमौर क्षेत्र के नौ रूटों पर मिनी बसें चलाई जाए. बैठक में यह भी बताया गया कि केलांग स्थित हिमाचल पथ परिवहन निगम के डिपू को 14 बसें आबंटित की गई है. लगातार भू-स्खलन से प्रभावित काजा के माना गांव के नालों के तटीकरण के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई जाए. बैठक में यह भी बताया गया कि भूगर्भीय सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. उसकी सिफारिशों के अनुसार जानमाल की हानि से बचने के लिए रोकने के लिए आवश्यक पग उठाए जाएंगे.
बैठक में बताया गया कि डीएफओ लाहौलघाटी विशेषकर मयाद तथा तिंगरिट क्षेत्र में ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थान का चयन कर कार्य योजना बनाए. बैठक में लाहुल स्पीति में चिन्हित स्थल पर विपणन मण्डी का निर्माण कार्य तत्काल आरम्भ करने के भी निर्देश दिए.
बैठक में काजा-ग्राम्फु सड़क जो दयनीय स्थिति में है उसकी मरम्मत के बारे में भी चर्चा की गई. इसके अतिरिक्त लाहुल के यांगला पुल के कार्य पर भी चर्चा की गई. मुध-भावा सड़क के लिए वन्य जीव प्राधिकरण से वन स्वीकृति प्राप्त कर दी गई है.