चीन और भारत के बीच सीमा के पास सड़क निर्माण को लेकर तनातनी बढ़ गयी है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दोनो देशों ने सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राइ जंक्शन पर तीन-तीन हजार सेनाओं की तैनती कर दी है. तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के कमांडरों के बीच हुई बातचीत और फ्लैग मीटिंग असफल रही. हालांकि सेना की ओर से इस संंदर्भ में कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है.
पूरी स्थिति का जायजा लेने के लिए आर्मी चीफ जनरल विपिन रावत गुरूवार को गंगटोक के 17 माउंट डिवीजन और कलिंगपोंग स्थित 17 माउंटेन डिविजन का दौरा किया. इस दौरान 33 कॉर्प्स और 17 डिवीजन कमांडर्स सहित सभी शीर्ष अधिकारी इस चर्चा के दौरान मौजूद रहे.
ट्राइ जंक्शन में पहले से सैनिक की तैनाती होती रही है. लेकिन ‘डोका-ला’ क्षेत्र में पहली बार सैनिकों को तैनात किया गया है. भारतीय सेना डोका ला इलाके को लेकर काफी संवेदनशील है, जोम्पलरी रिज इसमें पहली वरीयता रही है. यह रणनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नजदीक है. यह कॉरिडोर उत्तरी-पूर्वी राज्यों को शेष भारत से जोड़ती है.
चीन डोका ला इलाके में ‘क्लास-40 रोड’ बनाने की कोशिश कर रहा है जिसके जरिए सेना का 40 टन का वाहन गुजर सके. इसमें हल्के युद्धक टैंक, तोप और अन्य वाहन शामिल हैं.’ पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने गुरुवार को घोषित किया कि इसने तिब्बत में 35 टन के नए टैंक का ट्रायल किया है. चीन ने यह भी कहा है कि यह किसी देश के खिलाफ नहीं है.
भारत ने ट्राई-जंक्शन पर रोड नहींं बनने देने की बात को दोहराया है. इसके साथ ही भूटान भी इसका विरोध कर रहा है. भूटान के विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर चीन के कदम की निंदा की है.