नई दिल्ली. Shimla Cloudburst : हिमाचल प्रदेश के हिमाचल प्रदेश जिले के रामपुर क्षेत्र में शनिवार की रात अचानक बादल फटने की घटना के बाद स्थानीय लोगों के बीच समुद्र तट पर विस्फोट हो गया। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से एक बार फिर लोगों पर प्राकृतिक आपदाओं का खतरा मंडराने लगा है। राहत की बात यह है कि प्रशासन की ओर से त्वरित कार्रवाई करते हुए किसी भी यात्री को सूचित नहीं किया गया और सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
उत्तराखंड के बाद हिमाचल में भी तबाही की आहट
यह घटना तब सामने आई जब Uttarkashi, Uttarakhand के धराली क्षेत्र में हाल ही में Cloudburst और Landslide की बड़ी घटना हुई थी। इसके बाद अब हिमाचल में भी भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है, जिससे राज्य के कई इलाकों में Landslides और Flash Floods की स्थिति बन गई है।
किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित, 413 शेष सुरक्षित
तेज़ बारिश के चलते Kinner Kailash Yatra को स्थगित कर दिया गया है। हालांकि, प्रशासन ने सूझबूझ दिखाते हुए सभी 413 फंसे श्रद्धालुओं का सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया है।
600 से ज़्यादा सड़कें हुईं क्षतिग्रस्त
State Emergency Operation Centre (SEOC) के अनुसार, राज्यभर में अब तक 617 सड़कों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 377 मंडी ज़िले और 90 कुल्लू ज़िले में स्थित हैं। प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे: Chandigarh–Manali NH-21, Old Hindustan–Tibet NH-05, Mandi–Dharampur NH-3 ,Aut–Sainj NH-305 भी पूरी तरह से बाधित हैं।
हिमाचल को ₹1,852 करोड़ का भारी नुकसान
Monsoon 2025 Update: 20 जून से शुरू हुए मानसून के बाद से अब तक हिमाचल को कुल ₹1,852 करोड़ का आर्थिक नुकसान हो चुका है। बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 100+ लोगों की जान जा चुकी है और 36 लोग अभी भी लापता हैं।
1,700+ घर आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त
बारिश से जुड़े हादसों में अब तक 1,738 मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे हजारों परिवार बेघर हो गए हैं।
12 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी
IMD Weather Forecast: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि 12 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में Moderate to Heavy Rainfall का सिलसिला जारी रहेगा। 9 अगस्त के बाद बारिश की तीव्रता में कुछ कमी आने की उम्मीद है, लेकिन Weather Alert for Himachal Pradesh अब भी प्रभावी है।
आईएमडी के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा के मुताबिक, बारिश सक्रिय मानसून सिस्टम और पश्चिमी विक्षोभ के मिलन के नतीजे हैं, जिससे तेज हवाओं के साथ स्थानीय स्तर पर बादल बन रहे हैं और बारिश तेज हो रही है।