मंडी. राजदेवता माधोराय की शाही जलेब के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मंडी शिवरात्री महोत्सव का आगाज हो गया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राजदेवता माधोराय के मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद इस शाही जलेब में शिरकत की. रियासत काल से निकलने वाली राजदेवता माधोराय की जलेब वीरवार को शानो-शौकत के साथ निकली. मुख्यमंत्री ने पड्डल मैदान में ध्वजारोहण कर एक सप्ताह तक चलने वालने मेलों का विधिवत शुभारंभ किया. इस मौके पर प्रदेश सरकार में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, स्थानीय विधायक एवं ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा के अलावा विधायक कर्नल इंद्र सिंह ठाकुर, जवाहर ठाकुर, राकेश जम्वाल, विनोद कुमार, इंद्र सिंह गांधी, प्रकाश राणा भी मेले की केसरिया पगड़ी धारण कर जलेब में शामिल हुए.
मेला कमेटी के अध्यक्ष उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह, शाल और हिमाचली टोपी भेंटकर उनका स्वागत किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शिवरात्री स्मारिका और मंडी जनपद के शिवरात्री में आने वाले पंजीकृत देवी-देवताओं के इतिहास को लेकर प्रकाशित पुस्तक देवगाथा का भी लोकार्पण किया. उत्तरी भारत में भव्य देव समागम के लिए विख्यात मंडी शिवरात्री मेला 21 फरवरी तक चलेगा. जबकि 21 फरवरी को मेले का समापन महामहीम राज्यपाल करेंगे.
जलेब में भारी पुलिस बल तैनात
यह पहला मौका था जब मंडी जिला के मुख्यमंत्री के रूप में जयराम ठाकुर ने शिवरात्री मेले में निकलने वाली राजदेवता माधोराय की जलेब में शिरकत की. वहीं इस जलेब पर मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र में चल रहे एसडीएम कार्यालय को लेकर आंदोलन का साया भी मंडराता रहा. बीते कल ही जंजैहली में हुए उग्र प्रर्दशन को देखते हुए मंडी में भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई थी.
जंजैहली में निकली सीएम की शवयात्रा
शिवरात्री के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि चार जिलों के एसपी कानून व्यवस्था को देखने के लिए मंडी में तैनात कर दिए गए थे. इसी के चलते मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी माधोराय की जलेब में पैदल चलने के बजाय खुली जीप में सवार हुए. अक्सर मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री जलेब में माधोराय मंदिर से पड्डल मैदान तक पैदल ही जाते रहे हैं. वहीं जलेब के रास्ते पर भी भारी पुलिस बल तैनात थे. ऐसी सूचना मिली थी कि जंजैहली से कुछ गाड़ियां मंडी की ओर आई हैं. जिनमें सवार लोग शिवरात्री की जलेब के दौरान मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखा कर नारेबाजी भी कर सकते हैं. मगर भारी पुलिस बल के चलते ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.