हिमाचल प्रदेश. नवनिर्वाचित कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने पूर्व जयराम सरकार के दो और फैसले पलट दिए हैं. जयराम के ड्रीम प्रोजेक्ट मंडी हवाई अड्डे के सामाजिक सर्वेक्षण की एजेंसी बदलने के बाद अब शिवा प्रोजेक्ट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कार्यालय को बंद करने का फरमान दिया गया है. इसके अलावा उप पुलिस अधीक्षक पदम सिंह ठाकुर की पुनर्नियुक्ति भी रद्द कर दी गई है.
शिवा प्रोजेक्ट प्रदेश का पहला कार्यालय भाजपा सरकार में सबसे पावरफुल कैबिनेट मंत्री रहे महेंद्र सिंह के हलके धर्मपुर के सिद्धपुर में चल रहा था. इस कार्यालय में उप निदेशक समेत 13 अधिकारियों और कर्मचारियों को शिमला ज्वाइन करने के आदेश दिए गए हैं. एक्सीलेंस कार्यालय के अधीन खुंब केंद्र भी आता था. कार्यालय की अधोसरंचना विकसित करने के लिए करीब 120 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. बीते 27 अगस्त को इस कार्यालय ने काम करना शुरू किया था.
उप पुलिस अधीक्षक पदम सिंह ठाकुर की पुनर्नियुक्ति भी रद्द कर दी गई
वहीं, भाजपा सरकार के कार्यकाल में उप पुलिस अधीक्षक पदम सिंह ठाकुर को दी गई पुनर्नियुक्ति को भी रद्द कर दिया गया है. सोमवार को सरकार ने यह आदेश जारी किए हैं. पदम ज्यादातर समय में पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के सुरक्षा अधिकारी रहे हैं. सेवानिवृत्त होने के बाद भाजपा सरकार ने उन्हें पुनर्नियुक्ति दी थी. सरकार की ओर से उन्हें उप पुलिस अधीक्षक टीटी एंड आर शिमला में तैनाती दी गई थी.
शिवा प्रोजेक्ट को इंडो इस्राइल योजना के तहत लाया गया है. इस कार्यालय में बागवानी से जुड़े फलों की विभिन्न प्रजातियों के पौधे विदेशों से लाकर तैयार किए जाते हैं. पौधों को किसानों को वितरित करना, किसानों को प्रशिक्षण देना, लैब टेस्ट की सुविधा आदि इस प्रोजेक्ट के तहत दी जाती है. यहां प्रशिक्षण भवन में करीब 500 किसानों के एक साथ रहने और खाने की व्यवस्था की गई थी. प्रशिक्षण का पहला बैच अभी बैठने ही वाला था लेकिन अब कार्यालय को बंद कर दिया है.
कांग्रेस विधायक: चंद्रशेखर
धर्मपुर से कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. वास्तविक स्थिति की जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
जनता के साथ सड़कों पर उतरेंगे_ बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह
पूर्व बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि दफतरों को बंद करना न्यायसंगत नहीं है. भाजपा इसका विरोध करेगी और लोगों के साथ मिलकर सड़कों पर उतरेगी.