शिमला. हिमाचल सरकार का जिम्मा संभालने वाले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपने कैबिनेट मंत्रियों से परफार्मेंस चाहते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव पर नजर रखते हुए मुख्यमंत्री चाहते हैं कि सभी मंत्रियों के एक साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाए. इस अवधि में कैबिनेट मंत्रियों को उन्हें दिए गए काम पर प्रोग्रेस दिखानी होगी.
राजस्व बढ़ाने को भी कहा गया
इस रिपोर्ट कार्ड पर फिर कांग्रेस हाइकमान में चर्चा संभव है. मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों को अपने विभागों में सरकार का राजस्व बढ़ाने को कहा है. साथ ही मंत्रियों को अपने महकमों में भारत सरकार से या एक्सटर्नल एडिड एजेंसियों से राज्य के लिए पैसा भी लाना होगा. यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि चुनाव में कांग्रेस ने जो गारंटियां लोगों को दी हैं, उनको पूरा करना है.
इस बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा कई कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मौजूद थीं. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को परफार्म करने को कहा है, ताकि कांग्रेस की ओर से दी गई गारंटियों को पूरा करने में सहयोग मिल सके. उन्होंने इसी बैठक में दो कैबिनेट मंत्रियों पर नाराजगी भी जताई, जिन्होंने कांग्रेस की गारंटियों से संबंधित मामलों पर मीडिया में कुछ बयानबाजी कर दी थी.
इसलिए ऊर्जा की जगह जलशक्ति विभाग ने लगाया वाटर सेस
बैठक में हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने भी संदेश सरकार को दिया है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चाहते हैं कि लोगों से चुनाव पूर्व किए गए हर वादे को पूरा किया जाए. इसलिए गारंटियों को लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच कोई ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि यहां वादे पूरे नहीं हो रहे हैं. राहुल गांधी को हिमाचल की चारों लोकसभा सीटें चाहिए. राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अब सरकार को भी समझ आ रहा है कि इन गारंटियों को पूरा करना कितना मुश्किल है? इसके बावजूद मुख्यमंत्री एक तरफ ऐसे खर्च को रोक रहे हैं, जिसे डायवर्ट करना संभव है और दूसरी तरफ राज्य सरकार की कमाई बढ़ाने के लिए वैट बढ़ाने और वाटर सेस लगाने जैसे फैसले लिए जा रहे हैं. कांग्रेस सरकार का यही लक्ष्य मार्च में पेश किए जाने वाले पहले बजट में भी दिखेगा.