रांची. पिछले दिनों झारखंड में लगातार कथित भूख से हुई मौतों के मामलों से घिरी राज्य सरकार अब ‘भूख से मौत’ को परिभाषित करने का फैसला किया है. राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति, सार्वजनिक वितरण व ग्राहक मामलों के मंत्री सरयू राय ने भूख से मौत को परिभाषित करने के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया है.
सरयू राय ने विभाग के सचिव अमित कौशल को पत्र लिखकर विभिन्न सामाजिक-आर्थिक आधार पर मापदंड बनाने को कहा है. सह सचिव विनय कुमार राज कमेटी बनाने को लेकर एक नोट कुछ सप्ताह पहले मंत्री की तरफ से आने की बात स्वीकार करते हैं.
सरयू राय के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य के खाद्य निदेशक सुनिल कुमार सिन्हा के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है जो झारखंड में कथित भूख से हो रही मौतों को स्पष्ट तौर पर पारिभाषित करेगी.
भूख से मौत का पहला मामला पिछले साल सितंबर में आया था जब 11 साल की संतोषी की मृत्यु हुई थी. इसके बाद एक दिसंबर को विधवा प्रेमानी कुंवर की मौत भी भूख से होने की बात सामने आई. जहां स्थानीय कार्यकर्ता मौत की वजह भूख को मानते हैं वहीं जिला प्रशासन बिमारी को वजह बताता रहा है.
कार्यकर्ताओं का कहना है कि आधार को राशन कार्ड से जोड़ने को अनिवार्य किए जाने के बाद बड़ी संंख्या में राशन कार्ड अवैध हो गए हैं. जिसकी वजह से कई जरूरतमंद लोगों को राशन नहीं मिल पाया है.