रांची. मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता और उनके सहायक को पद से हटाने को लेकर विपक्षी दलों का विरोध जारी है. वहीं, जांच में कान्फ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट का एंगल भी जुड़ गया है. अब दो आरोपी एक दूसरे पर लगे आरोपों की जांच कर रहे हैं. शनिवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्य सचिव राजबाल वर्मा पर लगे आरोपों की जांच स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता से करवाने की बात कही है.
मालूम हो कि राज्यसभा चुनाव के समय स्पेशल ब्रांच के एडीजी पर हार्स ट्रेडिंग के आरोप लगे थे. झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने एडीजी अनुराग गुप्ता पर राज्यसभा चुनाव में हार्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुये एक सीडी जारी की थी. इसमें पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और एडीजी अनुराग ठाकुर के बीच भाजपा प्रत्याशी को वोट देने की बात हो रही थी. चुनाव आयोग ने प्रथम दृष्या आरोप को सही मानते हुये मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को एफआईआर कराने के साथ-सााथ विभागीय कार्यवाई करने को कहा था. चुनाव आयोग ने अनुराग गुप्ता के खिलाफ पीसी एक्ट, पद का दुरुपयोग, वोटरों को प्रलोभन देने और चुनाव कार्य में हस्तक्षेप करने का दोषी पाया था. जबकि इस मामले में अबतक कोई कार्यवाई नहीं हुई है.
वहीं मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर एक बैंक अधिकारी ने लंबित भुगतान को जारी करने के एवज में अपने बेटे की कंपनी में निवेश करने के लिये दबाव बनाने का आरोप लगाया था.