नई दिल्ली. लंबी बीमारी से जूझ रहे कांग्रेस नेता प्रियरंजन दास मुंशी का सोमवार को निधन हो गया. दासमुंशी पिछले 9 साल से कोमा में थे. 72 साल के दासमुंशी पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के अहम नेताओं में से एक थे.
बता दें कि साल 2008 में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह लकवाग्रस्त हो गए थे. उस समय की यूपीए सरकार में बतौर सूचना प्रसारण मंत्री वह अपने राजनीतिक करियर के शिखर पर थे और तमाम विदेशी चैनलों के प्रसारण पर रोक लगाई थी. लकवे की वजह से वो कुछ भी बोल पाने में असमर्थ थे. उनके दिमाग के एक हिस्से में खून पहुंचना बंद हो गया था.
प्रियरंजन दासमुंशी न सिर्फ कांग्रेस के कद्दावर नेता थे. बल्कि पश्चिम बंगाल में प्रणब मुखर्जी के बाद वे ही बंगाल में कांग्रेस के खेवनहार रहे हैं. 13 नवंबर, 1945 को जन्मे प्रियरंजन दासमुंशी 25 साल की उम्र में 1970 में पश्चिम बंगाल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए थे. अगले साल 1971 में वे साउथ कलकत्ता सीट जीत कर संसद में पहुंच गए.
इसके बाद उन्होंने साल 1984 में हावड़ा लोकसभा सीट जीती. 1985 में वे पहली बार केंद्र में मंत्री बने दासमुंशी को चुनाव में हार का समाना भी करना पड़ा. उन्हें दो बार 1989 और 1991 में हावड़ा सीट गंवानी पड़ी. लगातार दो बार 1999 और 2004 में रायगंज सीट पर कब्जा कर लोकसभा पहुंच गए. दासमुंशी की खेलों में भी खासी दिलचस्पी रही है. वह करीब 20 साल तक ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष भी रहे.
Our deepest condolences on the passing of respected Priya Ranjan Dasmunsi, our veteran Congress leader and former union minister. He will be greatly remembered for his contributions, especially to Indian Football. pic.twitter.com/QroFib5PVK
— Congress (@INCIndia) November 20, 2017
वहीं कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से प्रियरंजन दासमुंशी के मृत्यु पर शोक व्यक्त किया.