नई दिल्ली. BJP के राष्ट्रीय जगत प्रकाश नड्डा के गृह राज्य हिमाचल में हुई पार्टी की करारी हार ने उनके नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार में पूरी तरह झोंकने के बावजूद नड्डा हिमाचल को BJP की झोली में नहीं डाल पाए. नड्डा भांप ही नहीं सके कि हिमाचल में जयराम सरकार को लेकर जबर्दस्त एंटी इनकंबेंसी है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते हिमाचल में टिकट आवंटन से लेकर चुनाव की प्लानिंग तक के लिए नड्डा के पास फ्री-हेंड था. केंद्र सरकार ने चुनावी साल में हिमाचल को बल्क ड्रग फॉर्मा पार्क, AIIMS, वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सौगात दी. इसके बावजूद BJP को बुरी हार का मुंह देखना पड़ा. नड्डा चुनाव की फुलप्रूफ प्लानिंग करने में फेल रहे.
यही नहीं, टिकट आंवटन में भी नड्डा पर पक्षपात और विरोधियों की अनदेखी के आरोप लगे. पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर हुई बातचीत में सरेआम नड्डा पर उन्हें जलील करने की बात कही.
BJP की हार की बड़ी वजह
BJP की हार की सबसे बड़ी वजह 10 सिटिंग MLA के टिकट काटना और 21 बागियों का चुनाव मैदान में उतरना माना जा रहा है. इस बगावत के पीछे कहीं न कहीं नड्डा की अगुवाई में बांटे गए टिकटों में किया गया पक्षपात ही था.
PM नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्री व नेता बागियों को नहीं मना पाए. नतीजा- भाजपा को चुनाव में हार झेलनी पड़ी.
केवल होम स्टेट बचा पाए नड्डा
नड्डा के लिए राहत की बात सिर्फ इतनी रही कि वह हिमाचल में अपने गृह जिला बिलासपुर की 4 विधानसभा सीटों में से 3 पर भाजपा उम्मीदवारों को जिताने में किसी तरह कामयाब हो गए.
डोर-टू-डोर कैपेंन
जेपी नड्डा ने चुनाव प्रचार के दौरान बिलासपुर की चारों सीटों पर खुद डोर-टू-डोर कैपेंन किया. इसके बावजूद पार्टी घुमारवीं सीट पर कांग्रेस से हार गई. बिलासपुर सदर और श्रीनैना देवी सीट पर भी काउंटिंग के आखिरी राउंड तक जिस तरह पार्टी उम्मीदवार कांग्रेस के साथ कांटे के मुकाबले में फंसे रहे, वह नड्डा के लिए अच्छा संकेत नहीं है.
नड्डा की प्लानिंग पर उठने लगे सवाल
हिमाचल में भाजपा की हार के बाद नड्डा की प्लानिंग पर सवाल उठने लगे हैं. इसी तरह धूमल कैंप की अनदेखी को लेकर भी लोग सवाल उठाने लगे हैं, क्योंकि बीते पांच सालों में और टिकट आवंटन के दौरान धूमल समर्थकों की जिस तरह अनदेखी हुई है, उसे भी हार का कारण माना जा रहा है.
2024 तक नड्डा को एक्सटेंशन
BJP ने नड्डा को 2020 में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था. उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद पार्टी ने 2024 तक उन्हें एक्सटेंशन दे रखा है, क्योंकि अन्य राज्यों में पार्टी उनके नेतृत्व में अच्छा प्रदर्शन कर रही है.
इसी साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में जेपी नड्डा के नेतृत्व में BJP ने चुनाव जीता है. हालांकि पश्चिम बंगाल और पंजाब में भाजपा को हार झेलनी पड़ी है.