नई दिल्ली. दिल्ली के शालीमार बाग के मैक्स हॉस्पिटल में जीवित बच्चे को मृत बताने वाले मामले में बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई. जीवित नवजात शिशु का इलाज पीतमपुरा के एक अस्पताल में चल रहा था जहां बुधवार को उसकी मौत हो गई.
इस मामले की जांच के लिये 3 सदस्यीय डॉक्टरों के पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. शुरुआती जांच में पता चला है कि शिशु जीवित था या नहीं, इसकी जांच के लिए ईसीजी ट्रेसिंग नहीं हुई. नवजात के शरीर को लिखित निर्देश दिए बगैर परिवार वालों को सौंप दिया गया था.
इससे पहले इस मामले पर मैक्स अस्पताल ने कार्रवाई करते हुए बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर एपी मेहता और डॉक्टर विशाल गुप्ता को निकाल दिया है. इन सब के बीच बच्चे के परिजन पिछले चार दिन से अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं.
क्या है मामला
पिछले गुरुवार को एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. इसमें एक लड़का था और एक लड़की. डिलीवरी के समय ही बच्ची की मौत हो गई, जबकि डॉक्टरों ने सूचना दी कि इलाज के दौरान दूसरे बच्चे की भी मृत्यु हो गई है.
अस्पताल की ओर से दोनों को कागज और कपड़े में लपेटकर परिवार के लोगों के हवाले कर दिया गया. लेकिन रास्ते में एक पार्सल में कुछ हरकत हुई और जब वह पार्सल फाड़कर देखा गया तो उसमे शिशु की सांस चल रही थी. जिसके बाद नजदीक के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.