नई दिल्ली. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है. कांग्रेस महाधिवेशन में हिस्सा लेने रायपुर जा रहे पार्टी मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस ने असम पुलिस के अनुरोध पर दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर विमान से उतार लिया और बाद में उन्हें असम पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया था.
कांग्रेस महाधिवेशन के लिए इसी विमान से रायपुर जा रहे हैं पार्टी नेताओं को जैसे ही इसकी खबर मिली तो सभी विमान से बाहर आ गए और इसका विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
इस घटनाक्रम को लेकर दिल्ली पुलिस का बयान
इस सारे घटनाक्रम को लेकर दिल्ली पुलिस का बयान भी सामने आया है. पुलिस का कहना है कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान में सवार होने से रोका गया क्योंकि असम पुलिस ने उन्हें रोकने का अनुरोध किया था. असम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पवन खेड़ा के खिलाफ कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बुधवार रात केस दर्ज किया गया है. इन्होंने एक बयान दिया था, जिसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है.
पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए बताया ,“आज इंडिगो की फ्लाइट 6ई-204 से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली से रायपुर जा रहे थे. सभी फ्लाइट में बैठ चुके थे, उसी वक्त हमारे नेता पवन खेड़ा जी को फ्लाइट से उतरने को कहा गया. ये तानाशाही है. तानाशाह ने अधिवेशन से पहले ईडी के छापे मरवाए और अब इस तरह की हरकत पर उतर आए. पहले छत्तीसगढ़ में नेताओं के यहां ईडी को भेजा. अब कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने जा रहे हमारे नेता को टोका गया. ये तानाशाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी… हम लड़ेंगे और जीतेंगे.”
इस बीच कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने भी ट्वीट किया, “पहले ईडी ने रायपुर में छापामारी की, अब श्री पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस द्वारा रायपुर के जहाज़ से उतारा गया है. तानाशाही का दूसरा नाम अमितशाही है. मोदी सरकार हमारे राष्ट्रीय महाअधिवेशन को बाधित करना चाहती है. हम डरने वाले नहीं हैं, देशवासियों के लिए संघर्ष करते रहेंगे.”