नई दिल्ली : भारत में ऑर्गेनिक गेहूं और ऑर्गेनिक दाल की मांग लगातार बढ़ रही है। खासकर शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में उपभोक्ता अब chemical-free, traceable और sustainable food products को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। बढ़ती health awareness, बेहतर आय स्तर और प्रमाणित ऑर्गेनिक सप्लाई चेन पर भरोसे ने इस मांग को और मजबूती दी है।
Bharat Organics के जरिए किसानों को मिल रहा सीधा लाभ
National Cooperative Organics Limited (NCOL) अपनी ब्रांड Bharat Organics के माध्यम से ऑर्गेनिक गेहूं और Tur Dal (अरहर दाल) की खेती करने वाले किसानों को बेहतर कीमत, सुनिश्चित खरीद और राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच सुनिश्चित कर रही है।
सरकार का उद्देश्य है कि ऑर्गेनिक खेती से जुड़े किसानों की आय बढ़े और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो।
सीधे खरीद से किसानों को बेहतर दाम
Bharat Organics के तहत ऑर्गेनिक गेहूं और दालों की direct procurement प्रमाणित किसानों से की जाती है। इससे
Transparent pricing सुनिश्चित होती है
किसानों को समय पर भुगतान मिलता है
Post-harvest losses में कमी आती है
बिचौलियों द्वारा शोषण खत्म होता है
MSP से ज्यादा कीमत, स्थिर आय की गारंटी
ऑर्गेनिक किसानों को Conventional MSP से अधिक दाम (MSP-plus pricing) दिए जाते हैं। बिना किसी मध्यस्थ के सीधी खरीद से किसानों को premium price मिलता है, जिससे उनकी आय स्थिर और सुरक्षित बनती है।
बड़े बाजारों से सीधा जुड़ाव
NCOL Modern Trade, Government Outlets, E-commerce platforms और Institutional Buyers के माध्यम से किसानों को assured market linkage दे रही है। इससे ऑर्गेनिक गेहूं और दालों की बड़े पैमाने पर खरीद संभव हो पा रही है।
क्लस्टर आधारित ऑर्गेनिक खेती मॉडल
NCOL, Farmer Producer Organisations (FPOs) और सहकारी समितियों को Cluster-Based Organic Farming Model अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इससे
प्रति एकड़ input cost कम होती है
मिट्टी की सेहत बेहतर होती है
दीर्घकालिक उत्पादकता बढ़ती है
सर्टिफिकेशन और ट्रेसबिलिटी में सरकारी मदद
किसानों को NPOP Certification, गुणवत्ता परीक्षण और digital traceability के लिए वित्तीय और तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है। इससे सर्टिफिकेशन का बोझ किसानों पर नहीं पड़ता और export potential भी बढ़ता है।
Bharat Organics ब्रांड से वैल्यू एडिशन
Bharat Organics ब्रांड के तहत उत्पादों की cleaning, processing, packaging और marketing की जाती है।
ये उत्पाद D2C platforms, E-commerce और Retail Networks के जरिए बेचे जाते हैं, जिससे सहकारी मार्केटिंग के माध्यम से किसानों को अधिक रिटर्न मिलता है।
किसानों के लिए ट्रेनिंग और क्षमता निर्माण
ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को
Soil regeneration techniques
Organic pest management
Residue-free cultivation practices
पर नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे रासायनिक निर्भरता कम हो और टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिले।
राज्यसभा में दी गई जानकारी
यह जानकारी केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से दी।
ऑर्गेनिक गेहूं और दालों की बढ़ती मांग के बीच NCOL और Bharat Organics की पहल न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर रही है, बल्कि सतत कृषि, स्वस्थ आहार और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी मजबूती दे रही है।
