मंडी(सुंदरनगर). हिमाचल प्रदेश में दिव्यांगों का काडर स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहा है. दिव्यांग कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार और विभिन्न विभागों में बैठे आला अधिकारी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं.
इस मसले को लेकर आईपीएच विभाग से सेवानिवृ मुख्य समाजसेवी केके सकलानी ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में विभाग के फैसले को चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद काडर के दिव्यांगों के लिए सेवानिवृति की आयु 60 और एक समान सेवाकाल के लाभ देने की अधिसूचना को लागू नहीं कर रही है.
जबकि 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग कर्मचारियों व अधिकारियों को नियमों के तहत एक समान अधिकार के तहत सभी सुविधाएं और लाभ सेवाकाल के दौरान मुहैया करवाना संबंधित विभागों के मुखिया का पहला कर्तव्य है.
उन्होंने कहा कि इस काडर को पहली बार मुख्यमंत्री बने जयराम ठाकुर से उम्मीद बंधी है कि वह दिव्यांगों के हित के लिए सुप्रीम कोर्ट के नियम को जल्द से जल्द प्रदेश के इस वर्ग के हित में लागू करेंगे, ताकि यह भी अन्य कर्मचारियों के साथ एक समान लाभ जो है अपने सेवाकाल के दौरान प्राप्त कर सकें.