मंडी. कोटरोपी गांव में हुए भीषण भूस्खलन के बाद खतरा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है. कभी पहाड़ी पर दरार आ रही है तो कभी नाले का पानी रुककर छोटे-छोटे जलाशय में तब्दील हो रहे हैं. कभी पानी का रिसाव हो रहा है तो कभी भूस्खलन वाली जगह पर दोबारा मलबा गिर रहा है. प्रशासन ने पहले ही यहां आसपास के पांच गांवों में अलर्ट जारी कर रखा है. अब कुछ और गांवों पर खतरा मंडराने लग गया है.
खास तौर पर भड़वाहण गांव इसकी चपेट में है. गांव के साथ लगती पहाड़ी पर भारी मलबा पड़ा हुआ है और अगर यह मलबा खिसका तो नीचे गांव पर तबाही मचा सकता है. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इंजीनियरों को यहां भेज दिया है. इंजीनियरों को खिसक रहे मलबे की रोकथाम के उपाय तलाशने को कहा गया है.
अभी इंजीनयर मलबे की रोकथाम के लिए दो तरह से कार्य करने की सोच रहे हैं. एक मलबे को दबाकर इसे ठोस बनाने पर विचार किया जा रहा है. दूसरा सुरक्षा दीवार लगाने की सोची जा रही है. हालांकि अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है. मंडी के डीसी संदीप कदम ने बताया कि इंजीनियरों को मौके पर भेज दिया गया है और रोकथाम की दिशा में प्रयास जारी हैं.
वहीं, मंडी(कोटरोपी) भूस्खलन हादसे में मारे गए 46 लोगों में से 45 की ही शिनाख्त हो पाई है. एक महिला के शव की अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी है. इस शव को जोनल हॉस्पिटल मंडी के शवगृह में रखा गया है. यूपी की एक महिला का सिर्फ पांव ही बरामद हुआ है जबकि उसके बाकी शरीर की तलाश जारी है. इसके साथ ही प्रेम सिंह का शव भी अभी तक नहीं मिला है और उसके लिए भी सर्च ऑपरेशन जारी रखा गया है.