नई दिल्ली. कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई को लेकर। मीडिया रिपोर्ट्स और आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन के संदेह में परमेश्वर से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों सहित राज्य के 16 से अधिक स्थानों पर छापा डाला है।
रान्या राव सोना तस्करी मामला
ED की छापेमारी कथित तौर पर कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव से जुड़ी सोने की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है। सूत्रों के अनुसार, एक शैक्षणिक ट्रस्ट ने रान्या राव के क्रेडिट कार्ड बिल का 40 लाख रुपये भुगतान किया था। आरोप है कि यह ट्रस्ट Dr. Parameshwara से जुड़ा है और यह भुगतान किसी “प्रभावशाली राजनीतिक शख्सियत” के इशारे पर हुआ।
ईडी को इस लेन-देन से जुड़ेकोई वैध दस्तावेज़ नहीं नहीं मिला है, जिससे संदेह और भी गहरा हो गया है। इस मामले में पहले से ही CBI और DRI (Directorate of Revenue Intelligence) की शिकायतों के आधार पर PMLA के तहत मामला दर्ज किया गया था।
Congress का आरोप: PM Modi के इशारे पर हो रही है कार्रवाई
कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता Jairam Ramesh और Randeep Singh Surjewala ने इसे मोदी सरकार की ओर से कांग्रेस नेताओं को डराने और SC-ST नेताओं को टारगेट करने की साज़िश बताया है।
Jairam Ramesh ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि Dr. G. Parameshwara उन वरिष्ठ नेताओं में से हैं जिन्होंने समाज के वंचित तबकों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। भाजपा कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों से घबराई हुई है और बदले की भावना से काम कर रही है।”
कर्नाटक कांग्रेस: SC-ST समाज को निशाना बना रही है BJP
कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी Randeep Surjewala ने कहा कि यह छापेमारी उस दिन की गई जब होस्पेट में 1 लाख SC-ST परिवारों को property rights दिए गए थे। उन्होंने इसे SC-ST-OBC नेताओं पर केंद्रित एक बड़ी साजिश बताया।
सुरजेवाला ने यह भी बताया कि Dr. Parameshwara द्वारा स्थापितसिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (1979)और सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज (1988) पिछले कई दशकों से समाज के वंचित वर्गों को शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं।
“मोदी सरकार अब 46 साल बाद इन संस्थानों में गड़बड़ी खोज रही है, जबकि Dr. Parameshwara राज्य में पूर्ववर्ती BJP सरकार के भ्रष्टाचार की जांच कर रहे हैं,” – सुरजेवाला
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BJP की प्रतिक्रिया और अगला राजनीतिक असर
फिलहाल भाजपा की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि यह कार्रवाई सिर्फ राजनीतिक दबाव बनाने औरकर्नाटक कांग्रेस सरकार की welfare schemes को रोकने की कोशिश है।
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे अपनी कर्नाटक कांग्रेस सरकारऔर एससी-एसटी आवास स्वामित्व योजना (छठी गारंटी) को पूरी शक्ति के साथ लागू करते रहेंगे।
राजनीति या जांच?
जहां एक ओर ईडी की छापेमारी को कानूनी जांच बताया जा रहा है, वहीं कांग्रेस इसे चयनात्मक लक्ष्यीकरण मान रही है। सवाल यह उठता है कि क्या यह वाकईवित्तीय अनियमितताएं की निष्पक्ष जांच है, या फिर लोकसभा चुनाव 2024 से पहले की चुनाव पूर्व दबाव की रणनीति?