कुल्लू. आजादी के बाद विकास के वादे तमाम हैं. सरकारें क्षेत्र का कायाकल्प करने के दावे करती हैं तो विपक्ष उन दावों को हवाई साबित करने में लगे रहते हैं. इस कुश्ती का मूकदर्शक बनता है मतदाता, जो क्या खोया-क्या पाया के द्वंद्व में ही उलझा रह जाता है.
कुल्लू जिले के तीन दूरस्थ गांवों का हाल भी कुछ ऐसा ही है. इन गांवों में आज तक बिजली नहीं पहुंच सकी. चुनाव आयोग ने इनके लिए शाक्टी मतदान केंद्र की स्थापना की है. बिजली नहीं होने के कारण यहां मतदान प्रक्रिया सोलर पैनल के जरिए पूरी कराई जाएगी.
18 किमी पैदल चलकर पहुंचेगी पोलिंग पार्टी
कुल्लू में बंजार विधानसभा क्षेत्र के गाड़ापारली पंचायत के शाक्टी, मरौड़ तथा शुगाड़ गांव ऐसे हैं जहां पहुंचना बेहद दुरूह है. 9 नवंबर को मतदान कराने के लिए पोलिंग पार्टियों को यहां के लिए 7 नवंबर को ही रवाना कर दिया जाएगा. मुख्य सड़क से गांव की तकरीबन 18 किमी की दूरी उन्हें पैदल तय करनी होगी क्योंकि यहां वाहनों को ले जाने का कोई मार्ग नहीं है.
बिजली नहीं होने के कारण चुनाव आयोग ने यहां दो सोलर पैनलों की व्यवस्था की है. वीवीपैट युक्त ईवीएम को सोलर पैनल से चलाया जाएगा. जिला चुनाव अधिकारी एवं उपायुक्त कुल्लू युनूस ने कहा कि जिले के इस अतिदुर्गम क्षेत्र में विस चुनावों को लेकर सभी तैयारियां पूरी की जा रही है.
84 मतदाता करेंगे अपने मत का प्रयोग
9 नवंबर को कुल्लू के अतिदुर्गम पोलिंग बूथ में गाड़ापारली पंचायत के शाक्टी पोलिंग बूथ में शाक्टी, मरौड़ और शुगाड़ के 84 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. पहले यहां 68 वोटर थे लेकिन इस बार यहांं 16 नए वोटर जुड़े हैं जो पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.