कुल्लू. बीते दिनों हुई बर्फबारी के बाद समूची लाहौल घाटी में बिजली, पानी, दूरसंचार-इंटरनेट, खाद्य आपूर्ति और अन्य सभी आवश्यक सेवाएं सुचारु रूप से चल रही हैं. जिलाधीश देवा सिंह नेगी ने बताया कि रोहतांग दर्रे के बंद होने के कारण कोकसर में फंसे 46 लोगों के खाने और रहने के सभी प्रबंध किए गए हैं.
कोकसर स्थित बचाव चौकी में खाद्य वस्तुएं, लकड़ी, दवाईयां और अन्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. कोकसर में कुछ ढाबे अभी भी खुले हैं और वहां इंटरनेट सेवा चल रही है.
वेबसाइट और फेसबुक पर जानकारी उपलब्ध
यहां फंसे सभी 46 लोगों के परिजनों को सूचित करने के लिए उनके नाम और पता लाहौल स्पीति जिले की वेबसाइट और फेसबुक पेज पर भी उपलब्ध करवाए गए हैं. जिलाधीश ने बताया कि मयाड़ घाटी में फंसे बारात के सभी लोगों को सुरक्षित उदयपुर पहुंचा दिया गया है. उन्हें उदयपुर विश्राम गृह में ठहराया गया है.
देवा सिंह नेगी ने बताया कि मौसम साफ होते ही रोहतांग दर्रे को बहाल कर दिया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन लगातार सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों के संपर्क में है. जिलाधीश ने सभी लाहौल वासियों से किसी भी तरह की अफवाहों व भ्रांतियों में न आने की अपील की.
प्रशासन बीआरओ के संपर्क में
देवा सिंह नेगी ने कहा भविष्य में किसी बड़ी आपात परिस्थिति में लोगों को निर्माणाधीन रोहतांग सुरंग से निकालने की संभावनाओं के लिए भी जिला प्रशासन बीआरओ के संपर्क में है. लेकिन सुरंग को आम आवाजाही के लिए खोलना संभव नहीं होगा. केवल विशेष परिस्थिति में ही सुरंग के विकल्प पर विचार किया जाएगा.
जिलाधीश ने कहा कि लाहौल घाटी में सभी आवश्यक सेवाएं सामान्य हैं. सभी खाद्य वस्तुओं, दवाईयों और बालन की लकड़ी की एडवांस सप्लाई पहले ही दी जा चुकी है. सर्दियों में किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं. जिले में किसी भी जगह पर आपदा की स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के टॉल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क किया जा सकता है. इसके अलावा प्राधिकरण के जिला एमरजेंसी आपरेशन सेंटर के दूरभाष नंबर 01900222517 और 01900222509 पर भी आपदा की सूचना दी जा सकती है.