शिमला. हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी लेकिन समृद्ध राज्य में हर साल करीब 500 करोड़ के स्वर्ण व्यवसाय करने वाले करीब एक हजार सर्राफा कारोबारियों ने लंबी परेशानी झेलने के बाद आखिर आज राहत की सांस ली है.
जीएससटी के नाम पर मंदी की मार झेल रहे हिमाचल के सर्राफा कारोबारी केंद्र सरकार द्वारा राहत देने के बाद खासे उत्साहित हैं. अब उन्हें पूरी उम्मीद है कि दीवाली और धनतेरस पर सोना खूब चमकेगा और कारोबारियों पर धनलक्ष्मी मेहरबान होगी.
केंद्र सरकार ने लंबी परेशानी देने के बाद और कारोबारियों के दबाव में आखिर देरी से ही सही एक अच्छा फैसला लिया है. केंद्र ने सोने की खरीद पर 2 लाख रुपये तक पैन नंबर में छूट दे दी है. वहीं छोटे कारोबारियों को अब हर महीने नहीं बल्कि 3 महीने में एक बार रिटर्न भरना होगा. साथ ही कम्पोजीशन स्कीम की सीमा अब 75 लाख से 1 करोड़ रूपये कर दी गयी है.
केंद्र ने 1.5 करोड़ रुपये टर्नओवर वाले छोटे कारोबारियों के भी राहत दी है और अब 3 महीने में केवल एक बार ही रिटर्न भरना होगा. बड़ी राहत देते हुए सर्राफा कारोबारियों को मनी लॉड्रिंग एक्ट से भी बाहर कर दिया है. जबकि रिवर्स चार्ज पर भी 31 मार्च तक छूट दे दी है.
ग्राहक और व्यापारी सभी ने झेली परेशानी
शिमला ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने कहा कि कई महीनों तक इस कारण व्यापार प्रभावित रहा. व्यापारी और ग्राहक सभी ने परेशानी झेली. सर्राफा कारोबारी मुश्किल के दौर से गुजर रहे थे. इस बाबत कई बार केंद्रीय नेताओं से बातचीत की. जब प्रेक्टिकल तौर पर दिक्कतें हुई तभी केंद्र सरकार ने व्यापारियों के हित में फैसला लिया. हम इसका स्वागत करते हैं.
वहीं शिमला के कारोबारी वासू ठाकुर ने कहा कि नवरात्रों में पहली बार ऐसी स्थिति आई कि ग्राहकों ने सोना नहीं खरीदा. सर्राफा कारोबारी मायूस हो गए थे, लेकिन केंद्र सरकार ने देर से ही सही, पर सही फैसला लिया. अब धनतेरस और दीवाली को कारोबारी और ग्राहक सभी को फायदा मिलने की पूरी उम्मीद है.