नई दिल्ली. कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन बिल को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है. भारी विरोध के बाद भाजपा की सबसे पुरानी साथी अकाली दल की और से केन्द्र सरकार में शामिल एकमात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया उन्होंने ट्वीट किया कि, “मैंने केंद्रीय मंत्री पद से किसान विरोधी अध्यादेशों और बिल के खिलाफ इस्तीफा दे दिया है. किसानों की बेटी और बहन के रूप में उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.”
लेकिन इन बिलों को लेकर केंद्र सरकार अपने कदम को पीछे खींचने के मूड में नहीं है. शुक्रवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि बिल का जिक्र किया और कहा कि कुछ दल किसानों को भ्रमित कर रहे हैं. इन अध्यादेशों से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा.
क्यों विरोध कर रहे हैं किसान
हमारे अन्नदाता किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई : प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल विश्वकर्मा जयंती के दिन लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं. इन विधेयकों ने हमारे अन्नदाता किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई है. इन सुधारों से किसानों को अपनी उपज बेचने में और ज्यादा विकल्प और ज्यादा अवसर मिलेंगे. मैं देश के किसानों को इन विधेयकों के लिए बधाई देता हूं.
किसान और ग्राहक के बीच से बिचौलिए खत्म करने के लिए ये बिल
इस दौरान पीएम ने कहा कि किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे. ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं. लेकिन कुछ लोग जो दशकों तक सत्ता में रहे हैं, देश पर राज किया है, वो लोग किसानों को इस विषय पर भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं.
कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं. चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणापत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे. आज जब वही चीजें भाजपा- एनडीए सरकार कर रही है, तो ये भांति-भांति के भ्रम फैला रहे हैं.
सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार किसानों को MSP के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. पहले भी थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे. सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी.
पीएम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद, दुनिया में कहीं भी बेच सकता है, जहां चाहे वहां बेच सकता है, लेकिन केवल किसान भाई-बहनों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था. अब नए प्रावधान लागू होने के कारण, किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में, अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेगा.