केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने किसानों के ऋण-माफी को लेकर राज्य सरकारों को वित्तीय मदद नहीं करने का बयान दिया है. महाराष्ट्र सरकार के ऋण माफी की घोषणा के संदर्भ में उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिए अपने खजाने से कोई मदद नहीं करेगी.
वित्त मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को किसानों के ऋण माफी की घोषणा की है. सरकार ने किसानों के लोन माफी के लिए 1.14 लाख करोड़ की सहायता देने की बात कही है. इस फैसले से महाराष्ट्र के 1.36 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा.
वहीं, मंगलवार को योगी सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए राज्य कैबिनेट की पहली बैठक में 36,365 करोड़ की ऋण माफी करने का एलान किया. इससे प्रदेश के 2.15 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा.
मध्यप्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन में सात किसानों की मौत हो चुकी है.किसानों का आंदोलन मंदसौर के अलावे राज्य के अन्य भागों फैल चुका है. इससे मध्यप्रदेश सरकार भी किसानों के ऋण माफी के लिए भारी दबाव में दिख रही है.
इसके साथ ही दूसरे राज्यों में भी किसान ऋण माफी की मांग कर रहे हैं. तमिलनाडु के किसान एक महीने तक दिल्ली में प्रदर्शन किया था. मद्रास हाइकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को किसानों के ऋण माफी करने को कहा है. साथ ही बैंक और सहकारी बैंको को किसान से ऋण नहीं वसूलने के आदेश दिए हैं. वित्त मंत्री का बयान मद्रास हाइकोर्ट के फैसले की भी अवमानना है जिसमें कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार को केन्द्र सरकार को वहन करना चाहिए.
केन्द्र की मोदी सरकार ने भी चुनाव के पूर्व लागत मूल्य का डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का वादा कर चुकी है.हालांकि रबी की अच्छी फसल होने के बावजूद बाजार में फसलों के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. नोटबंदी के बाद सभी वस्तुओं के दामों में कमी आई है. इसका प्रभाव फसल उत्पादों पर भी पड़ा है.रिजर्व बैंक भी किसानों के कर्ज माफी के पक्ष में नहीं है.