नई दिल्ली. Sawan Month 2025 की शुरुआत के साथ ही पूरे भारत के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। खासतौर पर पहले Sawan Somwar पर शिवालयों में पूजा-अर्चना, Rudrabhishek और भक्ति रस का माहौल देखने को मिला।
कब शुरू हुआ श्रावण मास?
इस वर्ष Sawan 2025 की शुरुआत 11 जुलाई से हुई और यह 9 अगस्त को समाप्त होगा। यह Hindu Lunar Calendar का पांचवां महीना है, जो Lord Shiva की आराधना के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ी शिवभक्तों की भारी भीड़
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी में पहले सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि छात्रावासों की सुविधा के लिए समर्पित लेन बनाई गई हैं, सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन निगरानी से सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। पूरा मंदिर परिसर बैरिकेडिंग से सुरक्षित किया गया है।
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में दिव्य भस्म आरती
Mahakaleshwar Jyotirlinga, Ujjain में सुबह-सवेरे Bhasma Aarti का आयोजन हुआ, जिसे देखने हज़ारों भक्त पहुँचे। आरती से पहले Lord Mahakal का Panchamrit Abhishek किया गया — दूध, दही, घी, शहद और फलों से। इसके बाद भस्म अर्पित की गई। मंदिर परिसर में Vedic Mantras, शंख-ध्वनि और Bhajan की गूंज आध्यात्मिक माहौल बना रही थी।
देशभर के मंदिरों में शिवभक्तों का जनसैलाब
Sawan First Monday 2025 पर देश के कई famous Shiva temples जैसे:दूधेश्वर महादेव (गाजियाबाद), गौरी शंकर मंदिर (दिल्ली), मनकामेश्वर मंदिर (लखनऊ), बैद्यनाथ धाम (देवघर), नागेश्वरनाथ मंदिर (अयोध्या) छतरपुर मंदिर (दिल्ली) में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। Mumbai के Babulnath Mandir, Jaipur के Jharkhand Mahadev Mandir, Guwahati के Sukreswar Mandir, और Gwalior, Meerut, Ayodhya के कई मंदिरों में भी श्रद्धालु दिनभर दर्शन करते दिखे।
क्यों विशेष होता है सावन का महीना?
Lord Shiva Worship का सबसे पवित्र समय हर Monday (Somwar) को भगवान शिव की विशेष पूजा Tuesdays को Goddess Parvati को समर्पित श्रद्धालु रखते हैं strict fasts, केवल फल और दूध का सेवन करते हैं Rudrabhishek, जप और Bhajan Kirtan Rudrabhishek में शिवलिंग पर दूध, दही, शहद आदि से अभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है। Sawan 2025 की शुरुआत देशभर में bhakti, devotion और spiritual practices के साथ हुई है। हर सोमवार मंदिरों में crowd of devotees, भजन, आरती और positive energy का वातावरण देखा जा रहा है।