नई दिल्ली. पंजाब में दशकों की सबसे भयंकर बाढ़ से राज्य पूरी तरह प्रभावित है। बुधवार को राज्य सरकार ने पंजाब को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया। मुख्य सचिव K A P Sinha, जो कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2025 के तहत राज्य कार्यकारी समिति (SEC) के अध्यक्ष हैं, ने जिला मजिस्ट्रेटों को अधिकार दिए हैं कि वे आपदा की गंभीर स्थिति में धारा 34 के तहत आवश्यक आदेश जारी कर सकें। अब तक राज्य में बाढ़ और बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 30 लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य प्रशासन ने आपात राहत की तैयारी तेज की
सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (DDMAs) को प्रभावित जनता को राहत प्रदान करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के विभिन्न विभागों को अपने आपातकालीन समर्थन कार्यों का सख्ती से पालन करने और पर्याप्त कर्मियों को हमेशा ड्यूटी पर बनाए रखने का निर्देश दिया गया है।
मुख्य विभागों में पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD), वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट, और पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) को आवश्यक सेवाओं को बहाल करने का आदेश दिया गया है। साथ ही, सभी टेलिकॉम सेवा प्रदाताओं को राज्य में मोबाइल और लैंडलाइन कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
1,400 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पंजाब के 23 जिलों में बाढ़ से 1,400 गांव प्रभावित हुए हैं। मुख्य सचिव सिन्हा ने जिला आयुक्तों को धारा 34 के तहत स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार दिया है ताकि बदलती स्थिति से निपटा जा सके।
स्कूल और कॉलेज बंद
बढ़ती बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पंजाब शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैन्स ने घोषणा की कि राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 7 सितंबर तक बंद रहेंगे। इससे पहले सरकार ने केवल 3 सितंबर तक छुट्टियां घोषित की थीं। बैन्स ने नागरिकों से स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
भारी बारिश ने बढ़ाई मुसीबत
लगातार भारी बारिश ने पंजाब की स्थिति और गंभीर कर दी है। मंगलवार से बुधवार सुबह तक कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई:
अमृतसर: 27.6 मिमी
लुधियाना: 29.8 मिमी
पटियाला: 9.2 मिमी
पठानकोट: 41.2 मिमी
गुरदासपुर: 94.7 मिमी
मोहाली: 55.5 मिमी
सतलज नदी किनारे ग्रामीणों को सतर्क रहने की चेतावनी
रोपड़ जिले में अधिकारियों ने सतलज नदी के किनारे बसे गांवों के निवासियों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण भाखड़ा बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। बुधवार सुबह 6 बजे बांध का जलस्तर 1,677.84 फीट पर पहुँच गया, जो अधिकतम क्षमता 1,680 फीट के करीब है।
प्रभावित गांव:
Harsa Bela, Bela Ramgarh, Bela Dhiani Upper, Bela Dhiani Lower, Sensowal, Elgra, Bela Shiv Singh, Bhalan, Bhanam, Singhpura, Palasi, Taraf Majara, Majari आदि।
फसल और पशुधन को भारी नुकसान
बाढ़ से लगभग 3.75 लाख एकड़ कृषि भूमि, मुख्य रूप से धान के खेत, कटाई से कुछ ही सप्ताह पहले प्रभावित हुए हैं। इससे ग्रामीण आजीविका और फसल को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही, पशुधन को भी गंभीर क्षति हुई है, जिससे डेयरी और पशुपालन पर निर्भर परिवारों को बड़ा झटका लगा है।
बांधों में जलस्तर खतरे के निशान पर
भाखड़ा बांध: 1,677.84 फीट (खतरे की सीमा 1,680 फीट)
पोंग बांध: 1,393 फीट (खतरे की सीमा 1,390 फीट)
सतलज नदी में हरिके और हुसैनिवाला पर जलस्तर उच्च बाढ़ स्तर पर है।
राज्य प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है, जबकि राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं।