नई दिल्ली. इसरो के पूर्व प्रमुख के कस्तूरीरंगन का शुक्रवार को बेंगलुरु में निधन हो गया। 84 वर्षीय के कस्तूरीरंगन काफी समय से बीमार थे। अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह वे बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर स्वर्ग सिधार गए। 27 अप्रैल को अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) में रखा जाएगा।
कस्तूरीरंगन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे राज्यसभा के सदस्य (2003-09) और तत्कालीन भारतीय योजना आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं।
कस्तूरीरंगन ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को आगे बढ़ाया
कस्तूरीरंगन अप्रैल 2004 से 2009 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, बैंगलोर के निदेशक भी रहे।
उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार के सचिव के रूप में नौ साल से अधिक समय तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया।
एक Astrophysicist के रूप में, कस्तूरीरंगन ने High Energy X-Rays और Gamma ray astronomy के साथ-साथ Optical astronomy में रिसर्च पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंनेCosmic X-ray sources, celestial gamma-ray और निचले वायुमंडल में Cosmic X-rays के प्रभाव के अध्ययन में व्यापक और महत्वपूर्ण योगदान दिया था।