नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2025 के G7 Summit में हिस्सा लेने के लिए कनाडा के कनैनिस्किस शहर पहुंच चुके हैं। यह यात्रा खास इसलिए भी है क्योंकि बीते एक दशक में यह उनकी पहली कनाडा विजिट है। इस बार का जी-7 सम्मेलन कई मायनों में अहम माना जा रहा है, क्योंकि ईरान-इजरायल युद्ध संकट ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर तनाव बढ़ा दिया है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वह मौजूदा वैश्विक हालात को देखते हुए G7 समिट से जल्द वापस लौट सकते हैं। ऐसे में इस हाई-प्रोफाइल समिट से जुड़े हर छोटे-बड़े अपडेट पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं।
G7 समिट में छठी बार शामिल हुए पीएम मोदी, कनाडा में हुआ ऐतिहासिक स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय कनाडा के कैलगरी शहर में चल रहे G7 Summit 2025 में शामिल हो रहे हैं। यह उनकी लगातार छठी भागीदारी है। साइप्रस यात्रा के बाद पीएम मोदी अब कनाडा पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने अपने आधिकारिक पोस्ट में कहा कि वह शिखर सम्मेलन में Global South की प्राथमिकताओं को मजबूती से उठाएंगे।
G7 Leaders से होंगी अहम मुलाकातें
इस समिट के दौरान पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की जियोर्जिया मेलोनी, जापान के शिगेरू इशिबा, जर्मनी के फ्रेडरिक मर्ज, और यूरोपीय नेताओं से बातचीत करेंगे। इन बैठकों में जलवायु संकट, वैश्विक सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर चर्चा तय मानी जा रही है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की बड़ी चेतावनी: “All Indians must leave Tehran immediately”
जब पूरी दुनिया की निगाहें कनाडा में चल रहे G7 Summit पर टिकी हैं, उसी समय भारत सरकार ने ईरान की राजधानी तेहरान को लेकर एक बेहद अहम MEA Advisory जारी की है।
क्यों जारी की गई Advisory?
भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों को “at the earliest, leave Tehran”। इसका कारण है ईरान और इजरायल के बीच गहराता टकराव, जो अब युद्ध की कगार पर है।
भारतीय छात्रों को तेहरान से बाहर शिफ्ट किया गया है।
कुछ भारतीय नागरिकों को आर्मीनिया की सीमा से बाहर भेजा गया है।
भारतीय दूतावास हर भारतीय के संपर्क में है।
ईरान-इजरायल तनाव पर G7 का रुख और वैश्विक प्रतिक्रियाएं
जी7 देशों ने संयुक्त बयान में कहा कि “Iran must never obtain a nuclear weapon”, जबकि इजरायल ने दावा किया कि उसने ईरान के कुछ परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया है।
कनाडा, जो इस बार G7 का मेजबान है, ने कहा है कि वह Israel’s right to self-defence का समर्थन करता है, और मध्य पूर्व में शांति की जरूरत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
ट्रम्प की प्रतिक्रिया और सम्मेलन से जल्द विदाई
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वे ईरान-इजरायल शांति समझौते के कारण G7 नहीं छोड़ रहे, लेकिन मौजूदा हालात के चलते वे समिट से पहले ही निकल सकते हैं। पीएम मोदी से उनकी मुलाकात की संभावना अब बेहद कम मानी जा रही है।
प्रवासी भारतीयों में मोदी को लेकर उत्साह
कनाडा में बसे प्रवासी भारतीयों के बीच पीएम मोदी की मौजूदगी को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला। लोग घंटों से मोदी की एक झलक पाने के लिए इंतज़ार कर रहे थे। यह भारतीय डिप्लोमेसी और ग्लोबल इमेज का प्रतीक बनता जा रहा है।
एक ओर विश्व शांति की कोशिशें, दूसरी ओर वॉर्निंग अलर्ट
जहां एक ओर प्रधानमंत्री मोदी ग्लोबल फोरम पर भारत की भूमिका को मजबूत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ईरान में रह रहे भारतीयों के लिए हालात गंभीर बनते जा रहे हैं। ऐसे में विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी को गंभीरता से लेना सभी भारतीयों के लिए ज़रूरी है।