नई दिल्ली. 25 जनवरी को अडाणी ग्रुप की कंपनियों के बारे में अमेरिका की ‘हिंडनबर्ग’ कंपनी ने एक रिपोर्ट जारी की. जिसके बाद से ही गौतम अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है. रिपोर्ट का टाइटल है- ‘दुनिया का तीसरा सबसे अमीर आदमी किस तरह कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा धोखा कर रहा है’.
इस रिपोर्ट के सामने आते ही दो अहम बातें हुई-
1. अडाणी के शेयरों की कीमत करीब 6 लाख करोड़ रुपए गिर गई.
2. गौतम अडाणी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे से 7वें पर स्थान पर चले गए.
ऐसे में अब हर किसी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि ये ‘हिंडनबर्ग’ है क्या, ये कंपनी करती क्या है, इसका मालिक कौन है, ये रिपोर्ट उसने क्यों जारी की?
आखिर हिंडनबर्ग कंपनी करती क्या है?
नाथन एंडरसन की कंपनी ‘हिंडनबर्ग’ का मुख्य काम शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च करना है. इस रिसर्च के जरिए ‘हिंडनबर्ग’ कंपनी ये पता करती है कि-
- क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरह से पैसों की हेरा-फेरी हो रही है.
- कहीं बड़ी कंपनियां अपने फायदे के लिए अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो नहीं कर रही हैं.
- कोई कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही है.
इस तरह रिसर्च पूरी करने के बाद ‘हिंडनबर्ग’ कंपनी एक रिपोर्ट पब्लिश करती है. कई मौकों पर इस कंपनी की रिपोर्ट का दुनियाभर के शेयर मार्केट पर असर देखने को मिला है.
दर्दनाक ‘हिंडनबर्ग’ हादसे पर रखा कंपनी का नाम
ये नाम रखने का मकसद सिर्फ एक था- हिंडनबर्ग की तर्ज पर शेयर मार्केट में लाभ कमाने के लिए हो रही गड़बड़ियों पर नजर रखकर उसकी पोल खोलना. ताकि शेयर मार्केट में घोटालों की वजह से होने वाले किसी क्रैश को रोका जा सके.
‘हिंडनबर्ग’ ने अडाणी की कंपनियों पर रिपोर्ट क्यों जारी की?
हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट पढ़ने से साफ पता चलता है कि इस कंपनी ने जानबूझ कर ये रिपोर्ट अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर गिराने के लिए जारी की. इसकी वजह यह है कि ‘हिंडनबर्ग’ ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों पर ‘शॉर्ट पोजिशन’ ले रखी है. दरअसल, शेयर मार्केट से पैसा कमाने के दो मुख्य तरीके हैं.
1. लांग पोजिशन
2. शॉर्ट पोजिशन
हिंडनबर्ग ने अडाणी कंपनी को लेकर ये खुलासे किए
हिंडनबर्ग ने अडाणी कंपनी को लेकर अपनी रिपोर्ट में 3 बड़े आरोप लगाए हैं, जिसकी वजह से अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में गिरावट आई है…
- पहला आरोप: अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमत उसी सेक्टर में बिजनेस करने वाली दूसरी कंपनियों की तुलना में 85% तक ज्यादा है. दरअसल, शेयर की कीमत उस कंपनी को होने वाले मुनाफे से तय होती है. बाजार अनुमान लगाता है किसी कंपनी को होने वाले मुनाफे के मुकाबले उस कंपनी के शेयर की कीमत कितनी ज्यादा होगी. इसे प्राइज अर्निंग रेश्यो कहते हैं. अडाणी की कंपनियों का प्राइज अर्निंग रेश्यो दूसरी कंपनियों से काफी ज्यादा है.
- दूसरा आरोप: अडाणी ग्रुप ने शेयर मार्केट में हेराफेरी करके अपने शेयरों की कीमत बढ़वाई है. अडाणी ने मॉरीशस और दूसरे देश की कंपनियों में पैसे लगाए. उन कंपनियों ने बाद में अडाणी ग्रुप की कंपनी से शेयर खरीदे.
- तीसरा आरोप: अडाणी ग्रुप पर 2.20 लाख करोड़ से ज्यादा का भारी कर्ज है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों ने अपनी हैसियत से ज्यादा कर्ज ले रखा है. अडाणी ग्रुप की कई कंपनियों ने तो अपने शेयर तक गिरवी रखकर कर्ज लिए हैं. अडाणी ने बीते दिनों ACC और अंबुजा कंपनी खरीदने के लिए भी कर्ज लिया था. ऐसे में बैंकों के पास वसूलने के लिए अडाणी के शेयर के अलावा और कुछ भी नहीं है.
हिंडनबर्ग पहले भी एक बड़ी कंपनी को कंगाल कर चुका है
2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली अमेरिकी कंपनी निकोला के शेयरों की कीमत तेजी से बढ़ रही थी. तभी सितंबर महीने में निकोला कंपनी को लेकर हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसके बाद इस कंपनी के शेयर 80% तक टूट गए थे.
अडाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों पर अपनी ओर से सफाई दी
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडाणी ग्रुप ने भारी नुकसान को देखते हुए अपनी ओर से सफाई दी है. 26 जनवरी को अडाणी ग्रुप ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट गलत सूचनाओं और फैक्ट्स के आधार पर तैयार की गई है. इसके जारी होने के बाद हमारे शेयरहोल्डर्स और इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट पर गलत असर हुआ है. ऐसे में हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.