नई दिल्ली. सरकार पुराने नोट बदलने के लिए अब कोई मौका नहीं देनेवाली है. 65 पेज के अपने हलफनामें में सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह प्रचलन से बाहर हो चुके 500 और 1000 के नोट अब बदले नहीं जाएंगे. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में नोट बदली के लिए एक और मौका देने संबंधी याचिका दायर किया गया था.
याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस संबंध में विचार करने को कहा था. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा था कि अगर कोई व्यक्ति उस दौरान बीमार हो गया और नोट नहीं जमा करा पाया तो उसे उसकी वैध रकम को जमा कराने से कैसे रोका जा सकता है.
सरकार ने इसके पीछे तर्क दिया कि नोट बदलने के लिए मौका देने से भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगाने की मुहिम को धक्का लगेगा. सरकार ने अपने हलफनामें में कहा है कि नोट बदलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया और अधिकृत एजेंट से पैसा बदलवाने की छूट भी दी गई थी. सरकार ने 1978 में हुए नोटबंदी से तुलना करते हुए कहा है कि पिछली बार जब नोट बंदी हुई थी उस समय सिर्फ 6 दिन का ही समय दिया गया था. जबकि इस बार 9 नवंबर से लेकर 30 दिसंबर तक, 51 दिन का समय पुराने नोट जमा कराने के लिए दिया गया था.
सरकार ने यह भी कहा कि लोगों ने नोटबंदी के दौरान सुविधाओं का गलत फायदा उठाया. हलफनामे में कहा गया कि इस दरम्यान लोगों ने सोना तथा पेट्रोल-डीजल की खरीद में अपना कालाधन खपाया. सरकार ने कहा कि इस दौरान बड़ी मात्रा में नकदी बरामद किया गया.
सरकार ने कहा कि 28 फरवरी के बाद से नोटबंदी का कानून गजट बन चुका है और संसद में कानून बन जाने के बाद याचिकाकर्ता इस संदर्भ में कोई अपील नहीं कर सकता.