हमीरपुर(भोरंज). इस बार नवरात्र भी बीत गए पर बाजार में रौनक नहीं आई, जिससे भोरंज के विभिन्न कस्बों के व्यापारी मायूस हैं. व्यापारियों का कहना है कि उन्होने ऐसी मंदी दस साल में कभी नहीं देखी. व्यापारियों की मानें, तो इसका मुख्य कारण गत वर्ष हुई नोटबंदी और उसके बाद लगा जीएसटी है. जीएसटी के डर के कारण लोग सामान लेने से कतरा रहे हैं.
शहर के व्यापारी दिन में अपनी दुकानों पर हाथ पर हाथ रख बैठे रहते हैं. वहीं दिन के समय ग्राहक न आने के कारण रात को आठ बजे ही घरों को जा रहे हैं. अब व्यापारी दीपावली पर उम्मीद लगा रहे हैं. व्यापारियों के अनुसार इस बार बिक्री गत वर्ष के मुकाबले 50 से 70 प्रतिशत तक कम हो रही है. नवरात्र में व्यापारियों को बाजार गुलजार होने की उम्मीद थी. व्यापारियों को लग रहा था कि बाजार में कई दिनों से छाई मंदी नवरात्र में दूर हो जाएगी, मगर ऐसा नहीं हुआ. पूरे नवरात्र पर बाजार में दुकानदार हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं.
व्यापारियों का कहना है कि नवरात्र के दिनों में लोग जमकर खरीददारी करते हैं, मगर इस बार बाजार में लोग आ ही नहीं रहे. दुकानदारों के अनुसार इसका मुख्य कारण जीएसटी हो सकता है, क्योंकि जीएसटी के बारे में लोग भ्रमित हैं और उन्हे लग रहा है कि सभी वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं. इस कारण बाजार में वह आने से कतरा रहे हैं.
नारनौल बाजार में अनेक थोक विक्रेता हैं. इन थोक विक्रेताओं के पास से भोरंज के अनेक कस्बों सिंघाना, चिड़ावा, बुहाना, खेतड़ी, नीमका थाना, पाटन आदि से दुकानदार माल खरीदने के लिए आते हैं. यह दुकानदार दीपावली से पहले नवरात्र पर अपने ऑर्डर बुक करा जाते हैं, पर इस बार ऐसा नहीं हो रहा है.
व्यापारियों का कहना है कि बाहर से दुकानदार नहीं आने के कारण थोक व्यापारी भी दिनभर खाली रहते हैं. दीपावली पर साज-सज्जा के बाद लोग अपने घरों को आलोकित करते हैं. इसके चलते वह 10-15 दिन पहले या नवरात्र के आसपास से ही दीपावली की खरीददारी शुरू कर देते हैं, मगर इस बार इलेक्ट्रॉनिक आइटम बेचने वाले दुकानदारों की भी बिक्री नहीं हो रही है.
दुकानदारों का कहना है कि इलेक्ट्रानिक की बिक्री इस बार 70 प्रतिशत कम हो रही है. दुकानदारों का कहना है कि अब उन्हे दीपावली का इंतजार है. दीपावली के बाद 31अक्टूबर से देव उठेंगे. देव उठनी से पहले बाजार में लोग खरीददारी करते हैं. इसलिए अक्टूबर माह के पहले सप्ताह के बाद से बाजार गुलजार होने की उम्मीद है.