शिमला. कोटखाई में गुड़िया रेप हत्या से जुड़े लॉकअप हत्या मामले में आईजी, एसपी, डीएसपी सहित 9 पुलिस कर्मचारी वीरवार को अदालत में पेश किए गए. अदालत ने इनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 25 नवम्बर तक बढ़ा दी.
वॉयस सैम्पल के लिए अर्जी, 25 को सुनवाई
सीबीआई ने आरोपियों के वॉयस सैम्पल के लिए अर्जी दाखिल की जिसकी सुनवाई के अदालत ने 25 नवंबर की तारीख तय कर दी. सीबीआई के पास आरोपी पुलिस वालों के आवाज के नमूने पहले से मौजूद हैं और अब वह इनके वॉयस सैम्पल लेकर इसे पुख्ता करना चाहती है.
पुलिस के आईजी जहूर जैदी व ठियोग के पूर्व डीएसपी मनोज जोशी सहित 8 पुलिसवालों को सीबीआई ने 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था। इसी केस में सीबीआई ने 16 नवंबर को शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार किया है। न्यायिक हिरासत के दौरान इन सभी आरोपियों को कंडा जेल में रखा गया है.
बार एसोसिएशन का विरोध, आरोपियों को नहीं मिल रहा वकील
आरोपियों द्वारा इस केस में वकील की व्यवस्था करने के लिये अदालत से समय मांगा जा रहा है. अदालत में आरोपियों की पैरवी करने वाले वकील के अनुपस्थित रहने पर पिछ्ली लगातार दो सुनवाइयां टाली गई हैं. दरअसल आरोपियों के केस की पैरवी करने वाले वकील को यहां की बार एसोसिएशन ने बर्खास्त कर रखा है.
18 जुलाई की हुई थी सूरज की लॉकअप में हत्या
सूरज की 18 जुलाई की रात्रि कोटखाई थाने के लॉकअप में मौत हो गई थी. वह गुड़िया रेप एंड मर्डर केस का एक आरोपी था. पुलिस ने पहले उसकी हत्या के लिए दूसरे आरोपी राजू को जिम्मेदार ठहरा दिया. हालांकि सीबीआई जांच के दौरान संतरी के बयान के बाद सूरज की हत्या में पुलिसकर्मियों पर शक की सुई घूम गई. इसके बाद आईजी समेत कुल 9 पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए. पुलिस गुड़िया रेप और मर्डर के अलावा सूरज हत्याकांड की भी जांच कर रही है.