गुजरात विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस जमीनी स्तर के साथ-साथ वर्चुअल दुनिया में भी लगातार एक-दूसरे पर राजनीतिक हमले कर रहे हैं. मतदान की तारीख नजदीक आते-आते सोशल मीडिया के हर एक पोस्ट का सीधा-सीधा काउंटर पोस्ट किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर अबतक पीछे रही कांग्रेस इस चुनाव में लगातार वीडियो, ऑडियो, इंन्फोग्राफिक और हैशटैग के जरीये भाजपा पर वार कर रही है.
22 વર્ષના કુશાસનની તસ્વીર..
હવે થશે પરિવર્તન ની શરૂઆત, કોંગ્રેસ સાથે નવસર્જન ગજરાત! pic.twitter.com/nQNLDFIbz9
— Gujarat Congress (@INCGujarat) December 6, 2017
‘विकास गांडो छे'( विकास पागल है) का हैशटैग सोशल मीडिया पर कई दिनों तक ट्रैंड करता रहा था. जवाब में भाजपा ने ‘हम हैं गुजरात हम हैं विकास’ के नारे के साथ चुनावी कैंपेन में उतरी हुई है. सोशल मीडिया पर हर पोस्ट में इसे हैशटैग के साथ शेयर किया जा रहा है.
कांग्रेस सोशल मीडिया पर भाजपा के 19 सालों के शासन काल से उपजे ‘एंटी-इंन्कैंबैंसी’ का फायदा लेने की कोशिश करती दिखती है. कांग्रेस ‘गुजरात मॉडल’ रफेल डील, गुड एंड सर्विस टैक्स पर सत्ताधारी भाजपा को घेर रही है. अक्टूबर की शुरूआत से ही ‘गुजरात नवसृजन यात्रा’, ‘युवा किसान अधिकार’ ‘कांग्रेस आवे छे’ ‘नॉट फार सेल’, ‘अनमोल गुजरात’, ‘जुमलों की बारिश’, ‘गब्बर सिंह टैक्स’ जैसे हैशटैग कांग्रेस ने चलाये.
જાતિવાદ કે મારા-તારાના ભેદભાવ વગર ‘સૌનો સાથ, સૌનો વિકાસ’ ના મંત્રને સાર્થક કરતી ભાજપ સરકાર.
જીતશે વિકાસ, જીતશે ગુજરાત pic.twitter.com/TGeMzMWdm3
— BJP Gujarat (@BJP4Gujarat) December 6, 2017
दूसरी ओर भाजपा ने गुजराती गौरव और विकास के प्रति भाजपा के लगाव को प्रदर्शित करने के लिये सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया है. विकासवाद बनाम वंशवाद के साथ गुजरात को विकास का पर्याय बनाने की पूरी कोशिश की गई है. हूं छू विकास हूं छूं गुजरात, प्राउड टू बी इंडियन, मोदी छे ने(मोदी है न) जैसे हैशटैग के साथ सत्ताधारी भाजपा ने केन्द्र और राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में बताने की कोशिश की है.
वहीं, दोनोंं पार्टियों के द्वारा एक दूसरे के खिलाफ विडियो शेयर किये जा रहे हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव के शुरूआती दौर में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने 44 सेकंड का प्रोपेगैंडा विडियो जारी किया जिसमें कांग्रेस पर ‘भ्रष्टाचार’ और ‘अल्पसंख्यक तुष्टिकरण’ का आरोप लगाया गया था. इसके ठीक चार दिन बाद कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रमुख दिव्या सपंद ने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर भाजपा पर दंगा करवाने और ट्रोल करने का आरोप लगाया.
मतदान नजदीक आते-आते करीब हर रोज दोनों पार्टियों के द्वारा रोजाना काउंटर वीडियो शेयर किये जा रहे है. पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रदीप मल्लिक इसकी वजह सोशल मीडिया पर लोगों की बढ़ती हुई पहुंच मानते हैं. वे कहते है, “इंटरनेट कनेक्टिविटी के बढ़ने और डाटा के सस्ता होने के बाद सोशल मीडिया को इस्तेमाल करने वाले लोगों में उछाल आया है. शहरी क्षेत्रों के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग बड़ी संख्या में इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.”
જ્યારથી અમે નરેન્દ્રભાઈને જોયા છે ત્યારથી અમે જોયો છે ફક્ત વિકાસ.
મારો મત ભાજપ ને #BJPWaveInGujarat
જીતશે વિકાસ, જીતશે ગુજરાત pic.twitter.com/md3XkKVBj8
— BJP Gujarat (@BJP4Gujarat) December 6, 2017
सोशल मीडिया पर चुनावी कैंपेन के दरम्यान कांंग्रेस के द्वारा एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें भाजपा के द्वारा शिक्षा के निजीकरण करने का आरोप लगाया गया है. अगले ही दिन भाजपा अमित शाह के एक प्रेस कांफ्रेस का वीडियो क्लिप जारी करती है जिसमें वे भाजपा के शासनकाल में खुलने वाले सरकारी कॉलेजों की संख्या बताते हैं.
22 વર્ષના કુશાસનની તસ્વીર..
હવે થશે પરિવર્તન ની શરૂઆત, કોંગ્રેસ સાથે નવસર્જન ગજરાત! pic.twitter.com/nQNLDFIbz9
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कांग्रेस ने भरूच में राहुल के भाषण को सोशल मीडिया पर शेयर किया. इस वीडियो में भाजपा पर किसानों और आदिवासी को पानी देने के बजाय उद्योगोंं को पानी देने का आरोप लगाया गया था. जवाब में भाजपा ने किसानों का टेस्टीमोनी जारी किया है जिसमें दो किसान नर्मदा कैनाल से पानी मिलने की बात कहते हैं.
सोशल मीडिया पर राजनीतिक नारे हैशटैग में बदल गये हैं और संवाद की नई शैली भी विकसित हुई है. सोशल मीडिया पर जनता को सवाल पूछने का अधिकार तो मिल गया है. लेकिन आरोप-प्रत्यारोप के दौर में क्या जनता को जवाब मिल पायेगा. यह सवाल अब भी बना हुआ है.