नई दिल्ली. गुजरात विधानसभा चुनाव की मुनादी होने के बाद पंचायत टाइम्स की लाइव टीम आज अहमदाबाद पहुंची. जहां हमारे संवावदाता कुमार गौरव ने गुजरात विद्यापीठ में जाकर छात्रों से बात की. संस्थान के छात्र-छात्राओं ने भी बढ़चढ़ कर प्रदेश की राजनीति के बारे में अपनी राय रखी. मोदी सरकार से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में बात हुई. महात्मा गांधी के मॉडल से लेकर मोदी मॉडल तक की बाते हुईं.
गांव और शहर में फर्क
अहमदाबाद में गुजरात विद्यापीठ की स्थापना सन 1920 में महात्मा गांधी ने की थी और इस कॉलेज के भवन का उद्घाटन 1925 में किया गया था. ऐसा बताया गया कि इस संस्थान में 80 फीसदी छात्र-छात्राएं ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं. छात्र तेजस पटेल ने कहा कि सरकार की स्कीम आती है पर उसका फायदा गरीब लोगों को नहीं मिल पाता है. कुछ छात्रों ने कहा कि बड़े शहरों में विकास दिखता है पर गांवों में विकास दूर ही रहता है. दरअसल हमारे संवाददाता ने गांव और शहर के विकास के अंतर को समझने का प्रयास किया.
‘जातिगत राजनीति नहीं होनी चाहिए’
छात्रों ने गांधी के मॉडल और मोदी के मॉडल में तुलना की. एक छात्र ने कहा कि गांधी सबकी बात करते थे. अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ मिले इसकी बात करते थे. वहीं मोदी राज में शहरों का विकास दिखता है लेकिन गांव का विकास, किसान का विकास नहीं दिखता. रश्मि ने कहा कि जातिगत राजनीति नहीं करनी चाहिए. वहीं वह कहती हैं कि कई जगह पानी की समस्या है, यह कैसा विकास है?
कुछ नहीं से कुछ सही
रश्मि का जवाब देते हुए कक्ष के रहने वाले छात्र ने कहा कि मोदी उनके लिए भगवान के समान हैं. उन्होंने आगे कहा कि मोदी ने कच्छ का खूब विकास किया है. उन्होंने कहा कि उनके तीसरे मंजिल के घर में भी पानी आता है. वहीं कुछ छात्र भाजापा सरकार की आलोचना करते दिखे. कुछ लोग तारीफ करते हुए कहते हैं कि, कुछ नहीं से कुछ अच्छा है. कांग्रेस ने 22 साल पहले इस राज्य के लिए कुछ नहीं किया, भाजपा ने कुछ तो किया.
राहुल गांधी को ज्यादा नहीं जानते
छात्रों ने बेबाकी से गांधी दर्शन की बात की, पटेलों की राजनीति की बात की. राहुल के बारे छात्र कहते हैं कि उनके बारे में ज्यादा उन्हें पता नहीं है. कुछ छात्रों ने कहा कि गुजरात में भाजपा के लिए इस बार कुछ मुश्किल हो सकती है. क्योंकि पटेलों की राजनीति से कहीं न कहीं फर्क पड़ सकता है.