हमीरपुर. बाजार के बीचों-बीच सीते-सीते की पुकार जब लोगों ने सुनी तो सब हैरान रह गए. दरअसल एक कलाकार जो राजस्थान से हमीरपुर आया है, वह कई तरह के रूप धर कर अचानक लोगों के बीच पहुंच जाते हैं. कभी रावण, तो कभी चंद्रकांता का किरदार निभाने लगते हैं. दर्शक भी इस कलाकार को अपने बीच पाकर आनंदित हो उठते हैं.
आजिविका का एक साधन
बहरूपिये राकेश भट्ट ने बताया कि यह उनका खानदानी पेशा है और उसका सारा परिवार यही करता है. बताया कि पुराने समय में राजाओं को खुश करने के लिए इस तरह की कला दिखाई जाती थी. उन्होंने कहा कि अब यह काम आजिविका का एक साधन बन गया है. उन्होंने बताया कि वह हर साल इस क्षेत्र में आते हैं और कई प्रकार के रूप धारण कर लोगों का मनोरंजन करते हैं.
लगातार 5 घंटे तक एक किरदार
हमीरपुर के बाजार में नारद तथा रावण का रूप धारण कर राकेश ने लोगों का मनोरंजन किया है. उन्होंने कहा कि अमरीश पुरी, डाकू, सेरा, चन्द्रकांता आदि के रोल करने अभी बाकी हैं. बहरूपिये राकेश भट्ट ने बताया कि आधा दर्जन रोल करने में हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि वह दिनभर लगातार 5 घंटे तक एक किरदार निभाते हैं.