शिमला. हिमाचल में बर्फबारी की शुरुआत के बावजूूूद चुनावी मौसम गर्म होता जा रहा है. हिमाचल पहुंचे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वीरभद्र सिंह का समर्थन किया और विपक्षियों को आड़े हाथोंं लिया. उन्होंने वीरभद्र को आधुनिक हिमाचल का निर्माता भी कहा. एक कार्यक्रम के दौरान वह पत्रकारों से रूबरू थे.
केंद्र पर बरसे, कहा- नहीं चल रहा मोदी मैजिक
केंद्र पर हमलावर रहे रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘दिल्ली वाला बाबा’ नाम देते हुए कहा कि वीरभद्र पर प्रहार करने के लिए उन्हें भी शब्द ढूंढने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि वीरभद्र हिमालयी नेता हैं और मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तराखंड में रावत ने वीरभद्र के कई फार्मूले लागू किए.
इनमें प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और रोजगार मुहैया कराने की योजनाएं थीं. रावत ने कहाकि हिमालय के तीन राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर का नेतृत्व वीरभद्र सिंह को सौंप देना चाहिए क्योंकि उनकी कई योजनाएं पूरे देश के लिए नजीर हैं.
जीएसटी यानी ‘गब्बर सिंह टैक्स’
केंद्र सरकार पर तीखे हमले करते हुए रावत ने पूछा कि यह कैसा लोकतंत्र है जहां महंगाई के खिलाफ आवाज उठाने वाले को देशद्रोही करार दिया जाता है. रावत ने जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ की उपमा दे दी. क्योंकि इसका सीधा असर छोटे व्यापारियों पर पड़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि लोकतंत्र के लिये आज अघोषित इमरजेंसी जैसी स्थिति है। सबसे आसान टारगेट मीडिया बन रहा है। शाह के मामले में केंद्र द्वारा मीडिया को दबाया गया। राजस्थान में लाया जाने वाला बिल भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है।
बागियों से एकजुट होने का आग्रह, परिवारवाद से गुरेज नहीं
रावत ने पार्टी से बगावत कर चुके प्रत्याशियों से भी आग्रह किया कि लोकतंत्र की खातिर वह एकजुट हों और प्रदेश के हित के लिए काम करें. रावत ने कहा कि परिवारवाद गलत नहीं है. अगर किसी नेता की अगली पीढ़ी देश के लिए काम करना चाहती है तो उसका स्वागत होना चाहिए.ऐसे तमाम लोग हैं जिन्होंने सोसाइटी के लिए काम करके नाम कमाया है.